हिंदी नाम | अंग्रेजी नाम (English Name) | वैज्ञानिक नाम (Scientific Name) |
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सिंघाड़ा | वाटर चेस्टनट (Water chestnut) | एलिओचारीस डल्सीस (Eleocharis dulcis) |
सिंघाड़े का वैज्ञानिक नाम एलिओचारीस डल्सीस (Eleocharis dulcis) है। सिंघाड़े के सेवन से गला, थायराइड (Thyroid), भूख ना लगना, खून और पेट आदि समस्याओं में लाभ मिलता है। सिंघाड़े की पैदावार केवल भारत में होती है।

सिंघाड़े के फायदे
- सिंघाड़ा खाने से गले से सम्बंधित कई रोगों में आराम मिलता है।
- सिंघाड़े के सेवन से गर्भपात (Abortion) होने की सम्भावना नहीं होती।
- सिंघाड़ा थायराइड (Thyroid) को दूर रखता है।
- सिंघाड़ा पित्त, कब्ज और अन्य पेट की अन्य समस्याओं से मुक्ति दिलाता है।
- सिंघाड़े का सेवन करने से भूख ना लगने की समस्या दूर होती है।
- सिंघाड़ा खाने से एड़ियां फटने की समस्या नहीं होती।
- सिंघाड़े के सेवन से खून की कमी पूरी होती है।
- सिंघाड़ा घिसकर लगाने से खुजली से राहत मिलती है।
- बालों के लिए सिघाड़े का सेवन करना अच्छा होता है।
- सिंघाड़े खाने से अनिद्रा (Insomnia) की समस्या से मुक्ति मिलती है।
- पीलिया (Jaundice) में सिंघाड़े का सेवन करना लाभदायक होता है।
- सिंघाड़ा खाने से पानी की कमी (Dehydration) दूर होती है।
- सिंघाड़ा के सेवन से दस्त में लाभ होता है।
- सिंघाड़ा खाने से त्वचा में चमक आती है और मुहाँसे आदि में लाभ मिलता है।
- सिंघाड़े का सेवन करने से वजन कम होता है।
- सिंघाड़े खाने से दांत और हड्डियाँ मजबूत होती हैं।
- सिंघाड़े के सेवन से शारीरिक कमजोरी दूर होती है।
- सिंघाड़ा खाने से मूत्र (Urine) सम्बन्धी रोग में लाभ होता है।
- सिंघाड़े से शरीर की सूजन और दर्द में लाभ होता है।
सिंघाड़े के नुकसान
- सिंघाड़े का अधिक मात्रा में सेवन करने से कब्ज, पेट दर्द और आँतों में सूजन जैसी समस्याएँ हो सकती हैं।
- सिंघाड़ा खाने के बाद पानी पीने से सर्दी और खांसी हो सकती है।
- अधिक सिंघाड़े के सेवन से कफ की समस्या हो जाती है।