ट्रेन का अविष्कार किसने किया? 

जैसा कि आप सबको पता है कि ट्रेन दुनिया के सबसे बड़े Transport Vehicle में से एक है । क्योंकि ट्रेन में हर रोज करोड़ों लोग यात्रा करते हैं । और यदि हमारे भारत देश की बात की जाए तो रेल  के द्वारा भारत के Transport में बहुत से क्रांतिकारी बदलाव भी देखने में आए हैं । रेल में सफर करना काफी आरामदायक हो होता ही है साथ ही इसकी कीमत भी बाकी साधनों से कम होती है । इसलिए भारत के लोग अपनी छोटी बड़ी यात्राओं के लिए भारतीय रेल का ही इस्तेमाल करते हैं । यात्रा के अलावा ट्रेन का इस्तेमाल सामान एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाने के लिए किया जाता है । लेकिन अमेरिका में रेल लाइन पर का 80 फीसदी उपयोग केवल सामान की ढुलाई के लिए ही किया जाता है । रेल सेवा भारत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है क्योंकि हमारा भारत देश एक विकासशील देशों में से एक है । भारत में ट्रेन और Metro ने देश के विकास के लिए एक अहम भूमिका निभाई है । भारतीय रेलवे दुनिया के चौथे सबसे बड़ा  Network है जहां हर दिन करोड़ों लोग सफर करते हैं । ट्रेन का निर्माण अंग्रेजों ने ही किया था  । इसके बाद धीरे-धीरे भारत में रेलवे लाइन बिछा दी गई थी । 

train ka avishkar kisne kiya

ट्रेन का अविष्कार – 

ट्रेन का अविष्कार United Kingdom में रहने वाले एक इंजीनियर Richard Trevithick ने किया था तथा पहली बार 21 फरवरी , 1804 में भांप इंजन से रेल को खींचा गया था । हालांकि ये ट्रेन ज्यादा नहीं चल पाती लेकिन इसके जरिए दूसरी ट्रेन बनाने की प्रेरणा जरुर मिली थी । इंग्लैंड को ट्रेन का जन्म दाता भी कहा जाता है । क्योंकि सबसे पहले ट्रेन बनाने का idea इंग्लैंड से ही आया था । इसके बाद ट्रेन बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई और विश्व की पहली सफल ट्रेन 27 सितंबर , 1825 में George Stephenson ने बनाई थी । George पेशे से एक ब्रिटिश इंजीनियर थे तथा इन्होंने अपनी पहली ट्रेन का नाम लोकोमोशन रखा था । George के द्वारा बनाई गई ट्रेन की रफ्तार 24 किलोमीटर प्रति घंटे थी और इस ट्रेन ने अपनी पहली यात्रा 450 यात्रियों के साथ इंग्लैंड के डार्लिंगटन और स्टॉकटन के बीच की थी । इस सफलता के बाद स्टीफसन‌ ने अपनी Company की स्थापना कर United Kingdom के आलावा संयुक्त राष्ट्र अमेरिका और यूरोप के अधिकांश देशों को रेलवे का काम करने की प्रेरणा दी । 

दुनिया सबसे लम्बी ट्रेनों के नाम – 

* Daqin Railway Coal Train, China 

* RDP Train, South Africa 

* AAR Standard S- 400, USA

* Double Stack Container Trains, Canada 

* Cajaras Railway Freight Trains, Brazil 

* Mauritania Railway Iron Ore Trains, Mauritania 

* The Ghan, Australia 

* Rio Tinto Railway Services, Australia 

* Maruti Freight Trains, India 

ट्रेन का इतिहास – 

21 फरवरी , 1804 में ट्रेन की शुरुआत हुई थी और तब से अब तक की ट्रेनों में बहुत से अंतर आ चुके हैं । पहले जो ट्रेनें 24 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती थी अब वही ट्रेनें 300500 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती हैं । तथा अब पहले रेलवे का Network भी बहुत कम था लेकिन अब पूरी दुनिया में रेलवे Network फैला हुआ है । 1837 में पहले सभी ट्रेनें भाप से चलती थी, जिनको चलाने के लिए कोयले का इस्तेमाल किया जाता था । फिर स्वीजरलैंड में डीजल से चलना वाला इंजन बनाया गया और यह इंजन बहुत सी उपयोगी साबित हुआ । 

इसके बाद 1837 में बिजली और बैटरी से चलने वाली ट्रेनें आई । और इन ट्रेनों का सफल परीक्षण Robert Davidson ने किया था । समय के अनुसार ट्रेनों में और भी बहुत से परिवर्तन आते हैं । हम यह भी कह सकते हैं कि पहले और अब की ट्रेनों में जमीन और आसमान का फर्क आ गया है । पहले कि ट्रेनें ज्यादा सुविधाजनक नहीं होती थी पर समय के साथ अब की ट्रेनें में बहुत सुविधाएं उपलब्ध होती है । इन सभी सुविधाओं और आरामदायक सफर को बनाने का सारा श्रेय इंजीनियरों को जाता है जिन्होंने हमें इतना अच्छा तोहफा दिया है । आज के समय में ट्रेनों को लोग दैनिक व्यवहार में अपनाते हैं और इन्हीं ट्रेनों की वजह से हमारा जीवन और सफ़र बहुत आसान हो गया है । 

दुनिया की सबसे तेज चलने वाली ट्रेनों के नाम – 

* Talho 350, 217, 4Mph, Spain 

* Alstom Euroduplex, 198.8 Mph, France 

* Harmony CRH 380A, 236.12 Mph Chain 

* SNCF TGV Duplex, 198.8 Mph, France 

* Shanghai Maglev, 267.8 Mph, China 

* Siemens Velaro E/AVS 103, 217.4 Mph, Spain 

* E5 Series Shinkansen Hayabusa, 198.8 Mph, Japan 

* ETR 500 Frecciarissa Train, 186.4 Mph, Italy 

* THSR 700T, 186.4 Mph , Taiwan 

* AGV Italo, 223.6 Mph,  Italy