by admin | Mar 30, 2022 | सामाजिक मुद्दे
ताशकंद समझौता क्या था (Tashkand samjhota kya tha) ताशकंद समझौते के 12 घंटे बाद ही देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का निधन हो गया था । उनकी मौत कैसे हुई इस सवाल का सही जवाब आज तक किसी को नहीं मिल पाया है । राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साथ – साथ हम...
by admin | Mar 13, 2022 | सामाजिक मुद्दे
आर्य समाज की स्थापना कब हुई (Aarya samaj ki sthapana kab hui thi) आर्य समाज की स्थापना सन् 1857 में स्वामी दयानंद सरस्वती के द्वारा की गई थी । स्वामी दयानंद सरस्वती को आर्य समाज की स्थापना करने की प्रेरणा मथुरा के स्वामी विरजानंद से मिली थी । आर्य समाज से...
by admin | Mar 4, 2022 | सामाजिक मुद्दे
बाल विवाह कब बंद हुए (Baal Vivah kab band hue) भारत में बाल विवाह सदियों से चली आ रही एक प्रथा हैं| यहां यह प्रथा किसी धर्म विशेष से नहीं सभी धर्मों, समुदायों और वर्गों में बहुत लम्बे समय से चली आ रही है । पर वर्तमान समय में भी यह प्रथा कुछ ग्रामीण इलाकों में...
by admin | Mar 1, 2022 | सामाजिक मुद्दे
हरित क्रांति क्या हैं (Harit kranti kya hai)? हरित क्रांति शब्द का इस्तेमाल सन् 1940 और 1960 के बीच के समय में विकासशील देशों में कृषि क्षेत्र के लिए किया गया था। इस समय में कृषि करने के पारंपरिक तरीकों की जगह आधुनिक तकनीक के उपकरणों को प्रयोग करने पर जोर दिया गया। और...
by admin | Feb 28, 2022 | सामाजिक मुद्दे
चम्पारण सत्याग्रह कब हुआ था (Champaran Satyagrah kab hua tha)? यह सत्याग्रह अंग्रेजों के खिलाफ गांधी जी के नेतृत्व में किया गया था । ऐसे तो गांधी जी के नेतृत्व में बहुत से आंदोलन किए गए थे । और यह आंदोलन भी उन्हीं आन्दोलनो में से एक था जिसका नाम चंपारण आन्दोलन था । ये...
by dushyant singh | Aug 7, 2018 | सामाजिक मुद्दे
जाति व्यवस्था जन्म के समय से व्यक्तियों को अलग-अलग श्रेणियों में बाँटने की एक प्रणाली है। भारत में जाति व्यवस्था मुख्य रूप से काम पर आधारित है। भारत काफी समय से जाति व्यवस्था का शिकार रहा है। भारत की इस जाति व्यवस्था ने जीवन को काफी हद तक प्रभावित किया है। आजादी के...
by dushyant singh | Aug 7, 2018 | सामाजिक मुद्दे
गरीबी वह अवस्था है, जिसमें कोई इन्सान अपने जीवन की जरुरत को पूरा नहीं कर पाताहै, जैसे- खाना, पानी, कपड़े और घर का न होना गरीबी कहलाता है। जिन लोगों की आय गरीबी रेखा से नीचे होती है, वो गरीब होते हैं और उनका जीवन बहुत कठिनाई से गुजरता है। एक गरीब अपने बच्चों को अच्छी...
by dushyant singh | Aug 7, 2018 | सामाजिक मुद्दे
भारत में बाल मजदूरी बहुत तेजी से बढ़ती जा रही है। इसके बढ़ने की बहुत सारी वजह हैं और यह केवल भारत में ही नहीं, विदेशों में भी बढ़ती जा रही है। बाल मजदूरी भारत के साथ-साथ अन्य सभी देशों में भी गैर-कानूनी है। किसी भी बच्चे के बाल्यकाल में धन या और किसी भी तरह का लोभ देकर...
by dushyant singh | Aug 7, 2018 | सामाजिक मुद्दे
बाल विवाह वह विवाह होता है, जिसमें दूल्हा और दुल्हन दोनों की उम्र एक बताई गई उम्र से नीचे हो, भारत में शादी के लिए दुल्हे की उम्र 21 और दुल्हन की उम्र 18 या उससे ज्यादा होनी चाहिए। UNICEF ने शादी के लिए दुल्हे की उम्र 21 और दुल्हन की उम्र 18 साल से पहले को गलत बताया...
by dushyant singh | Aug 7, 2018 | सामाजिक मुद्दे
हमारे समाज में महिलाओं को कम दर्जा दिया जाता है। पुरुषों के मुकाबले इससे हमारी पिछड़ी सोच का पता चलता है। यह लगभग पूरे देश में देखा जा सकता है, मगर खासतौर पर पिछड़े हुए इलाकों में यह ज्यादा देखने को मिलता है। समाज को महिलाओं के प्रति अपना नजरिया बदलने की जरुरत है।...
by dushyant singh | Aug 7, 2018 | सामाजिक मुद्दे
भारत में दहेज प्रथा काफी लंबे समय से चली आ रही है। दहेज का मतलब होता है- “शादी से पहले जब लड़की के परिवार वाले अपनी ‘संपत्ति और धन’ लड़के के परिवार को दे देते हैं।” दहेज लेना या देना दोनों क़ानूनी तौर पर जुर्म है। यह प्रथा पूरी तरह से सोच पर निर्भर है। यह प्रथा लोगों की...
by dushyant singh | Aug 7, 2018 | सामाजिक मुद्दे
यह एक ऐसी धार्मिक प्रथा है, जो भारत में बहुत सालों से चलती आरही है। सती प्रथा के हिसाब से अगर किसी महिला के पति का देहांत हो जाए, तो उसकी पत्नी अपने पति के अंतिम संस्कार के समय उसकी चिता में आत्मत्याग (आत्महत्या) कर लेती है। 1987 में ‘रूप कंवर’ नाम की महिला 18 साल की...
by dushyant singh | Aug 7, 2018 | सामाजिक मुद्दे
किसी भी चीज़ पर बिना सोचे-समझे, उसे बिना जाँचे और परखे, जरुरत से ज्यादा यकीन करना ‘अंधविश्वास’ कहलाता है। चाहे वह भगवान की भक्ति हो या किसी इंसान की भक्ति, कई बार लोग भगवान की भक्ति में इतना खो जाते हैं, कि उन्हें सही और गलत में कोई अंतर नजर नहीं आता। उन लोगों से भगवान...
by dushyant singh | Aug 7, 2018 | सामाजिक मुद्दे
यह एक बहुत जरुरी मुद्दा है। लोगों को अपने आस-पास का इलाके के साथ-साथ खुद को भी साफ-सुथरा रखना चाहिए, ताकि लोग स्वस्थ रहें और दूसरों को भी कोई तकलीफ ना हो। लोगों को अपने खाना रखने की जगह को साफ़ रखना चाहिए। साफ-सफाई एक अच्छी आदत है, जो स्वच्छ जीवन और एक अच्छी जीवन-शैली...
by dushyant singh | Aug 6, 2018 | सामाजिक मुद्दे
जब दो धर्मों या दो धर्मों को मानने वाले लोगों के बीच में कुछ संघर्ष होने लगता है, तो वह धार्मिक संघर्ष कहलाता है। आज के समय में यह संघर्ष खास-तौर पर हिन्दू धर्म और मुस्लिम धर्म के लोगों के बीच में होते हैं। आज के समय में धार्मिक संघर्ष सबसे बड़े मुद्दों में से एक है।...
by dushyant singh | Aug 6, 2018 | सामाजिक मुद्दे
भिखारी वह होता है, जो कोई काम नहीं करता और दूसरे लोगों से पैसे या खाना मांगता है। भिखारी ज्यादातर पार्क के पास, बाजार के पास या किसी आने-जाने के साधन जैसे- मेट्रो या बस अड्डे के पास मिल सकते हैं।भीख मांगना हमारे देश की एक बहुत बड़ी समस्या है, जो लोग गरीबी की चपेट में...
by dushyant singh | Aug 6, 2018 | सामाजिक मुद्दे
असल में, किशोर अपराध नाबालिगों द्वारा किए गए अपराधों को कहते हैं। कानूनी दृष्टिकोण के अनुसार बाल अपराध 8 वर्ष से लेकर 16 वर्ष तक के बालक द्वारा किया गया कानून विरोधी कार्य है। किशोर लड़कों या लड़कियों द्वारा किए गए अपराध आमतौर पर किशोर अपराध कहलाते हैं। इसके लिए...
by dushyant singh | Aug 6, 2018 | सामाजिक मुद्दे
शराब का अगर नियमित रूप से सीमित मात्रा में सेवन किया जाए, तो वह शरीर को लाभ देती है। मगर इसकी लत लोगों को आसानी से लग जाती है,जो उन्हें को बर्बाद कर देती है। अधिक शराब की लत से व्यक्ति काबू से बहार हो जाए, तो वो केवल शराबी व्यक्ति के लिए ही नहीं, बल्कि उसके परिवार के...