हिंदी नाम | अंग्रेजी नाम (English Name) | वैज्ञानिक नाम (Scientific Name) |
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रसभरी | रसभरी (Raspberry) | रूबस आईडीईस (Rubus idaeus) |
रसभरी का वैज्ञानिक नाम रूबस आईडीईस (Rubus idaeus) है। रसभरी का सेवन करने से आंतें और फेफड़ों के कैंसर, गठिया (Arthritis), मधुमेह (Diabetes), जिगर और गुर्दे में फाइब्रोसिस आदि रोगों में लाभ मिलता है। रसभरी की सबसे ज्यादा पैदावार रूस में होती है। ऐसे और भी अन्य देश हैं जहाँ रसभरी की पैदावार होती है, जैसे पोलैंड, अमेरिका, सर्बिया, मेक्सिको, यूक्रेन, यूनाइटेड किंगडम, स्पेन, कनाडा और अज़रबैजान आदि।

रसभरी के फायदे
- रसभरी का सेवन करने से शरीर की हड्डियों का घनत्व बढ़ता है।
- जिगर और गुर्दे में फाइब्रोसिस रोग होने पर रसभरी का सेवन करने से लाभ मिलता है।
- रसभरी का सेवन करने से आंतों और फेफड़ों का कैंसर होने की संभावना कम होती है।
- नियमित रूप से रसबरी का सेवन से गठिया (Arthritis) रोग नहीं होता।
- रसभरी अल्झाइमर (Alzheimer) और स्मृतिभ्रंश (Dementia) जैसे बढ़ती उम्र में होने वाले रोगों से बचाव करती है।
- रसभरी को पानी में अच्छे से उबालकर नियमित खाली पेट सेवन करने से मधुमेह (Diabetes) रोग में लाभ मिलता है।
- रसभरी के सेवन से आँखों से सम्बंधित बीमारी नहीं होती।
- रसभरी के सेवन से हृदय सम्बंधित रोग होने की संभावना कम रहती है।
- गर्भावस्था में महिलाओं के लिए रसभरी का सेवन करना लाभप्रद होता है।
रसभरी के नुकसान
- कच्ची रसभरी का सेवन करना हानिकारक हो सकता है।