परिचय
पुष्कर झील राजस्थान राज्य के अजमेर जिले के पुष्कर में स्थित है। पुष्कर झील एक अर्द्ध गोलाकार झील है, जिसको तीर्थराज के नाम से भी जाना जाता है। पुष्कर को मंदिरों और घाटों की नगरी भी कहा जाता है। तीर्थराज के रूप में प्रसिद्ध यह नगरी प्राकृतिक दृष्टि से भी अतुलनीय है। एक विशाल झील के किनारे स्थित यह नगरी तीन तरफ से पहाड़ से घिरी हुई है, जबकि चौथी तरफ मारवाड़ की तरफ से आई मिट्टी का रेगिस्तान है। पुष्कर में अनेक मंदिर हैं, जिसमें सबसे प्रसिद्ध मंदिर ब्रह्मा जी का है, जो दुनिया में ब्रह्मा जी को समर्पित कुछ मंदिरों में से एक मंदिर है। पौराणिक द्रष्टिकोण से इस झील का निर्माण भगवान ब्रह्मा जी ने करवाया था।

झील के आस-पास लगभग 500 हिन्दू मंदिर स्थित हैं। यह झील राजस्थान राज्य के अजमेर जिले से 14 किलोमीटर दूर पुष्कर में स्थित है। यह अरावली पर्वतमाला की श्रेणी में आती है, जिसे नाग पर्वत के नाम से जाना जाता है। पुष्कर में प्रति वर्ष कार्तिक माह (अक्टूबर –नवम्बर) में शुक्ल पक्ष की अष्टमी से कार्तिक पूर्णिमा तक पुष्कर मेला लगता है, यहाँ पर हजारों की संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस झील में स्नान करने से त्वचा के सभी रोग दूर हो जाते हैं और त्वचा सुन्दर हो जाती है। इस झील पर 52 स्नान घाट बने हुए हैं, इन घाटों में वराह, ब्रह्म और गव घाट प्रमुख हैं।
हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार जब भगवान ब्रह्मा जी ने राक्षस व्रज नाभ का कमल के फूल से वध किया था तो उस फूल की एक पंखुड़ी यहाँ गिर गई और झील की उत्पत्ति हुई। इस पवित्र हिन्दू झील की गहराई लगभग 10 मीटर है।