उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सरकारी बंगले की जांच पर सबकी नजरें थीं, उसकी जांच कर निर्माण विभाग ने राज्य सम्पत्ति विभाग को उसकी रिपोर्ट सौंप दी है। राज्य सम्पत्ति विभाग ने इस रिपोर्ट को सीएम दफ्तर भेज दिया है। 266 पेज की इस रिपोर्ट में पूर्व सीएम अखिलेश यादव को मिले सरकारी बंगले चार विक्रमादित्य मार्ग में हुई तोड़फोड़ का आंकलन किया गया है। निर्माण विभाग के इंजीनियर्स की जांच टीम ने बंगले में टूट-फूट पाई है। लोक निर्माण विभाग के सूत्रों का मानना है कि करीब 10 लाख की टूट-फूट बंगले में हुई है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों के बंगले खाली कराए गए थे। अखिलेश यादव ने 8 जून को अपने बंगले की चाबी राज्य सम्पत्ति विभाग को सौंपी थी। राज्य संपत्ति विभाग को बंगला सौंपे जाने के बाद जब चार विक्रमादित्य मार्ग के बंगले का आंकलन कराया गया तो वहां टाइल्स, कई जगह से टोटियां गायब मिले। बंगले में तोड़फोड़ एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बना।
इसके बाद सरकार ने लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता (भवन) की अगुवाई में एक कमेटी बना दी थी। इस कमेटी ने जांच करने के बाद अपनी रिपोर्ट बुधवार को राज्य सम्पत्ति विभाग को सौंप दी। रिपोर्ट में टाइल्स, सेनेटरी वेयर समेत कई जगह टूट-फूट सही पाई गई है। फिलहाल सरकार इस रिपोर्ट का अध्ययन कर रही है। इसके बाद रिकवरी नोटिस दी जा सकती है। राजनीतिक मुद्दा बनने पर समाजवादी पार्टी ने बयान जारी कर कहा था कि यूपी की योगी सरकार ने उपचुनाव की हार की खीज मिटाने के लिए तोड़फोड़ करवाई है।