लोकतांत्रिक देश भारत में समाचार पत्र जनमत बनाने का एक महत्वपूर्ण साधन है। समाचार पत्र वर्तमान घटनाओं पर टिप्पणी करते हैं और लोगों को सार्वजनिक महत्व के मामलों पर अपनी राय रखने देते हैं। इसके अलावा समाचार पत्र सरकार और लोगों के बीच संवाद का काम भी करते हैं। समाचार पत्रों के माध्यम से ही सरकार अपने कार्यक्रमों, नीतियों और उपलब्ध्यिों को लोगों के समाने रखती है। समाचार पत्र लोगों की शिकायतों को आवाज भी देते हैं और सुझाव या उपाय भी बताते हैं।

समाचार पत्र विज्ञापन का एक महत्वपूर्ण माध्यम भी है। कोई भी व्यापारी या उद्योगपति अपने व्यापार को बढ़ाने या सामान को बेचने के लिए समाचार पत्रों में विज्ञापन दे सकता है। युवा स्नातक नौकरी-विज्ञापन वाले कॉलम को पढ़ते हैं तथा कुछ युवा क्रिकेट, फुटबाल, कबड्डी आदि खेलों की विस्तृत जानकारी की तलाश करते हैं। घर के वरिष्ठ नागरिक सरकारी मामलों और अन्य घटनाओं के बारे में पढ़ते हैं। महिलाएं रसोई, स्वास्थ्य और सौंदर्य देखभाल जैसे विषयों को पढ़ती हैं। समाचार पत्र वास्तव में बहुत ही उपयोगी हैं, इसीलिए समाचार पत्रों को हर तरह से प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। समाचार पत्रों के आभाव में हम कुएं में ऐसे मेंढ़क की तरह होंगे जो दीन-दुनिया के बारे में कुछ नहीं जानता।

‘समाचार पत्र’ विषय पर आधारित स्लोगन निम्नलिखित हैं।

स्लोगन.1

अख़बार हमारी ज़िन्दगी का हिस्सा, जो खबर दे एक व्यक्ति जैसा।

स्लोगन.2

पढ़ने की हो अगर कोई चाहत, अखबार उठायें देगा यह राहत।

स्लोगन.3

आप ज़िन्दगी को खास बनायें, रोज अख़बार पढ़ने की आदत बनायें।

स्लोगन.4

है अख़बार जब हाथ में आता, देश-दुनिया की यह खबर पहुंचाता।

स्लोगन.5

ज्ञान उसका हर रोज बढ़ाये, अख़बार पढ़ने का जो नियम बनाये।

स्लोगन.6

न्यूज़ पेपर है हम सबकी जान, खबर देता और रखता है मान।

स्लोगन.7

सुबह-सुबह जो रोज है आता, हर दिन रोज नयी खबर लाता।

स्लोगन.8

न्यूज़ पेपर जिसका नाम है, यह जानकारी का भंडार है।

स्लोगन.9

जब हर खबर की पोल है खुलती, तभी सच्ची खबर हमें पढ़ने को मिलती।

स्लोगन.10

हर दिन बेहतर बनाता है, अख़बार जब पढ़ने को मिल जाता है।

स्लोगन.11

जैसे अच्छी खबर यह देता है, वैसे ही बुरी खबर भी देता है।

स्लोगन.12

खबरों का है यही बाजार, साइकिल की घंटी मतलब आया अखबार।