नैना देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश राज्य के बिलासपुर जिले में स्थित है। नैना देवी मंदिर हिन्दुओं के पवित्र तीर्थस्थलों में से एक है। यह मंदिर शिवालिक पर्वत श्रंखलाओं की पहाड़ियों पर स्थित है। नैना देवी मंदिर 51 शक्तिपीठ मंदिरों में सम्ल्लित है। नैना देवी मंदिर समुद्र तल से लगभग 11000 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। मंदिर तक पहुंचने के लिए उड़न खटोले का प्रबंध किया गया है। पौराणिक कथा के अनुसार इस स्थान पर देवी सती के नेत्र गिरे थे। मंदिर में मुख्य द्वार के दायीं तरफ हनुमान जी और गणेश जी की प्रतिमा उपस्थित है। मुख्य द्वार से आगे जाने पर शेर की दो प्रतिमाएं हैं। शेर को माता का वाहन माना जाता है। मंदिर के गर्भगृह में तीन मुख्य मूर्तियाँ हैं, जिनमें दायीं तरफ माता काली, मध्य में नैना देवी और बायीं तरफ भगवान गणेश जी की प्रतिमा विराजमान है। मंदिर के निकट में ही एक गुफा है जिसे नैना देवी गुफा के नाम से जाना जाता है। मंदिर से कुछ दूरी पर ही एक तालाब स्थित है। मंदिर में पीपल का वृक्ष मुख्य आकर्षण का केन्द्र है, जो कई शताब्दी पुराना है। नैना देवी मंदिर में नवरात्रों का त्यौहार बड़े हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है।

पौराणिक कथा

नैना देवी मंदिर 51 शक्तिपीठ मंदिरों में से एक है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इन सभी 51 शक्तिपीठों पर देवी के अंग गिरे थे। भगवान शिव के ससुर राजा दक्ष ने एक यज्ञ का आयोजन किया था, जिसमें राजा दक्ष ने शिव और सती को निमंत्रण नहीं भेजा था, क्योंकि राजा दक्ष भगवान शिव को अपने बराबर का नहीं समझते थे। सती बिना बुलाए ही अपने पिता दक्ष के यहाँ गयीं थी। यज्ञ स्‍थल पर राजा दक्ष ने भगवान शिव का काफी अपमान किया, जिसे सती सहन नहीं कर पायीं और वह वहीं हवन कुण्ड में कुद गयीं। भगवान शंकर को जब यह बात पता चली तो वे वहाँ पर पहुँच गए और सती के शरीर को हवन कुण्ड से निकालकर तांडव करने लगे, जिसके कारण सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में हाहाकार मच गया। सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड को इस संकट से बचाने के लिए भगवान विष्णु ने सती के शरीर को अपने सुदर्शन चक्र से 51 भागो में बाँट दिया, जो अंग जहाँ गिरा वह शक्तिपीठ बन गया। ऐसा माना जाता है कि नैना देवी में माता सती के चरण (पैर) गिरे थे।

मंदिरों की तालिका-

क्र. सं. मंदिर का नाम मंदिर का स्थान देवी / देवता का नाम
1 बांके बिहारी मंदिर मथुरा-वृन्दावन, उत्तर प्रदेश बांके बिहारी (श्री कृष्ण)
2 भोजेश्वर मंदिर भोपाल, मध्यप्रदेश भगवान शिव
3 दाऊजी मंदिर बलदेव, मथुरा, उत्तर प्रदेश भगवान बलराम
4 द्वारकाधीश मंदिर मथुरा, उत्तर प्रदेश श्री कृष्ण
5 गोवर्धन पर्वत गोवर्धन, मथुरा, उत्तर प्रदेश श्री कृष्ण
6 इस्कॉन मंदिर मथुरा-वृन्दावन, उत्तर प्रदेश श्री कृष्ण, भगवान बलराम
7 काल भैरव मंदिर भैरवगढ़, उज्जैन, मध्यप्रदेश भगवान काल भैरव
8 केदारनाथ मंदिर रुद्रप्रयाग, उत्तराखण्ड भगवान शिव
9 महाकालेश्वर मंदिर जयसिंहपुरा, उज्जैन, मध्यप्रदेश भगवान शिव
10 नन्द जी मंदिर नन्दगाँव, मथुरा नन्द बाबा
11 निधिवन मंदिर मथुरा-वृन्दावन, उत्तर प्रदेश श्री कृष्ण, राधा रानी
12 ओमकारेश्वर मंदिर खंडवा, मध्यप्रदेश भगवान शिव
13 प्रेम मंदिर मथुरा-वृन्दावन, उत्तर प्रदेश श्री कृष्ण, राधा रानी
14 राधा रानी मंदिर बरसाना, मथुरा, उत्तर प्रदेश श्री कृष्ण, राधा रानी
15 श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर मथुरा, उत्तर प्रदेश श्री कृष्ण, राधा रानी
16 बृजेश्वरी देवी मंदिर नगरकोट, कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश माँ ब्रजेश्वरी
17 चामुंडा देवी मंदिर कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश माँ काली
18 चिंतपूर्णी मंदिर ऊना, हिमाचल प्रदेश चिंतपूर्णी देवी
19 ज्वालामुखी मंदिर कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश ज्वाला देवी
20 नैना देवी मंदिर बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश नैना देवी
21 बाबा बालकनाथ मंदिर हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश बाबा बालकनाथ
22 बिजली महादेव मंदिर कुल्लू, हिमाचल प्रदेश भगवान शिव
23 साईं बाबा मंदिर शिर्डी, महाराष्ट्र साईं बाबा
24 कैला देवी मंदिर करौली, राजस्थान कैला देवी (माँ दुर्गा की अवतार)
25 ब्रह्माजी का मंदिर पुष्कर, राजस्थान ब्रह्माजी
26 बिरला मंदिर दिल्ली भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी देवी
27 वैष्णों देवी मंदिर कटरा, जम्मू माता वैष्णो देवी
28 तिरुपति बालाजी मंदिर तिरुपति, आंध्रप्रदेश भगवान विष्णु
29 सोमनाथ मंदिर वेरावल, गुजरात भगवान शिव
30 सिद्धिविनायक मंदिर मुंबई, महाराष्ट्र श्री गणेश
31 पद्मनाभस्वामी मंदिर (त्रिवेन्द्रम) तिरुवनंतपुरम्, केरल भगवान विष्णु
32 मीनाक्षी अम्मन मंदिर मदुरै या मदुरई, तमिलनाडु माता पार्वती देवी
33 काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी, उत्तर प्रदेश भगवान शिव
34 जगन्नाथ मंदिर पुरी, उड़ीसा श्री कृष्ण, बलराम और सुभद्रा
35 गुरुवायुर मंदिर गुरुवायुर, त्रिशूर, केरल श्री कृष्ण
36 कन्याकुमारी मंदिर कन्याकुमारी, तमिलनाडु माँ भगवती
37 अक्षरधाम मंदिर दिल्ली भगवान विष्णु