प्रधानमंत्री मुद्रा योजना “मुद्रा बैंक” के अंतर्गत एक भारतीय योजना है, जिसकी शुरूआत भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 8 अप्रैल 2015 को नई दिल्ली में की थी। इस योजना को छोटे कारोबारियों को बढ़ावा देने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है। मुद्रा बैंक योजना की स्थापना वैधानिक संस्था के तौर पर हुई है। इस योजना से लोगों को अपना नया कारोबार शुरू करने और कारोबारियों को अपना कारोबार बढ़ाने के लिए लोन मिल सकेगा।
अपने शुभारंभ से लेकर अब तक प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत 24000 करोड़ रूपये देश भर में वितरित कर दिए गए हैं। इसके तहत मुद्रा बैंक छोटे व्यवसायी को 10 लाख रूपये तक का लोन देती है और microfinance institutions के लिए regulatory bodies की तरह काम करती है। इसका उद्देश्य छोटे व्यवसायी को बढ़ावा देना है।
इस योजना के अंतर्गत तीन तरह के ऋण मिल सकेंगे, जो निम्न प्रकार हैं-
- शिशुः इस योजना के अंतर्गत 50 हजार रूपये तक के लोन मिल सकेंगे। शिशु ऋण को स्टार्टअप के लिए बनाया गया है।
- किशोरः इस योजना के अंतर्गत 50 हजार रूपये से 5 लाख रूपये तक के ऋण मिल सकेंगे। किशोर ऋण को कारोबार, जो पहले से ही शुरू किए जा चुके हैं और खुद को स्थापित करने के लिए वित्तीय मदद चाहते हैं, उनके लिए बनाया गया है।
- तरूणः इस योजना के अंतर्गत 5 लाख रूपये से ऊपर और 10 लाख रूपये तक के लोन मिल सकेंगे। तरूण ऋण उन व्यवसायों के लिए है जो पहले से ही स्थापित हैं; लेकिन कारोबार के बिस्तार के लिए वित्तीय सहायता चाहते हैं।
प्रधानमंत्री मुद्रा बैंक योजना के अंतर्गत देश के छोटे कारोबारियों को फायदा मिल सकेगा। छोटी विनिर्माण इकाई और दुकानदारों को इससे ऋण मिलेगा। इसके साथ-साथ सब्जी वालों, सैलून, खोमचे वालों को भी इस योजना का लाभ मिलने की उम्मीद है। यदि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना को अच्छी तरह से लागू किया जायेगा, तो यह निश्चित रूप से इन छोटे व्यापार मालिकों जैसे कई लोगों के लिए एक वरदान साबित हो सकता है।