परिचय

भारत के तमिलनाडु राज्य के मदुरई शहर में स्थित ‘मीनाक्षी अम्मन मंदिर’ एक प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर है। विश्व के नए सात अजूबों के लिए मीनाक्षी मंदिर को निर्मित किया गया है। यह मंदिर माता पर्वती को समर्पण किया गया है। इस मंदिर में माता पर्वती मीनाक्षी नाम से जानी जाती हैं और भगवान शिव को सुन्दरेश्वर के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर दक्षिण में वैगई नदी के किनारे पर स्थित है। यह मंदिर 2500 वर्ष पुराने और तमिलनाडु राज्य के मदुरई शहर की मुख्य शोभा है। वर्तमान में मंदिर का निर्माण नायक शासकों द्वारा किया गया। यह मंदिर 6 हेक्टेयर में फैला हुआ है और इस मंदिर में अंदर जाने के लिए 12 प्रवेश दरवाजे हैं। यह मंदिर अपनी विशाल वस्तुकला के लिए मशूहर है।

मंदिर का इतिहास

इतिहासकारों के अनुसार मीनाक्षी अम्मन मंदिर की स्थापना इंद्र के द्वारा की गई थी। जब वे अपने बुरे कर्मो की वजह से तीर्थयात्रा को जा रहे थे, तभी उन्होंने इस मंदिर को बनवाया था। इंद्र भगवान शिव के भक्त थे और इसलिए वहाँ स्थित पर फूलों के आस-पास कमल के फूल भी नजर आते थे। पिछले दो सदियों से तमिल साहित्य में इस मंदिर के बारे में बताया जा रहा है। इस मंदिर का वर्णन 7 वीं शताब्दी से पहले ही दर्शन शास्त्र सेवा के विख्यात हिन्दू पुजारी थिरुग्न्नास्म्बन्दर ने किया था और वो अपने आप को अलावी इरावियन का भक्त मानता था। सन. 1560 में विश्वनाथ नायक के आकार को थिरुमलाई नायक के अधीन विकसित किया गया था। उनके द्वारा मंदिर में अनेक कमियों को सुधारा गया। उनका मुख्य सहयोग वसंत उत्सव मनाने के लिए वसंता मण्डप व किलिकुंदु मण्डप था। इस मंदिर के गलियारे में रानी मंगममल द्वारा मिनाची नायकर मण्डप का निर्माण किया गया था।

इस मंदिर को विश्वनाथ नायक ने शिल्प शस्त्रों के अनुसार दोबारा बनवाया था, जिसमें 14 प्रवेश द्वार 45 से 50 मीटर की ऊँचाई के थे, सबसे लम्बा टावर दक्षिण की तरफ़ था जो 51.9 मीटर ऊँचा था। मंदिर में दो तराशे पुराने विमान भी बनाए थे। मंदिर में देवी-देवताओं की मूर्ति भी दोबारा स्थापित की गयी थी।

पुराण संबंधी कथा

हिन्दू पुराण कथा के अनुसार भगवान शिव प्रथ्वी पर सुन्दरेश्वर के रूप में मीनाक्षी से विवाह करने आये जो कि माता पार्वती का रूप है। माता पर्वती ने पहले पाँड्य राजा मलयध्वज मदुरई के राजा की घोर तपस्या के फलस्वरूप उनके घर में एक पुत्री के रूप में अवतार लिया था। वयस्क होने पर उन्होंने नगर का कार्यकाल संभाला। भगवान ने विवाह की बात सामने रखी, जो उन्हें स्वीकार था। इस विवाह को विश्व की सबसे बड़ी घटना माना गया जिसमें लगभग पूरी प्रथ्वी के लोग मदुरई में एकत्रित हुए थे, स्वयं भगवान विष्णु अपने बैकुंठ निवास से इस विवाह का परिचालन करने आये थे।

मंदिर के उत्सव

मीनाक्षी मंदिर का सबसे प्रसिद्ध उत्सव मीनाक्षी तिरुक्ल्याणम है। यह उत्सव हर साल अप्रैल और मई के महीने में 10 दिनों तक चलने वाला उत्सव है, जिसमे लगभग 10 लाख से भी अधिक लोग आते है। इस उत्सव के साथ ही तमिलनाडु के अधिकतर मंदिरों में वार्षिक उत्सवों का आयोजन भी होता है। वार्षिक उत्सवों के अनेक भाग होते हैं जैसे- रथ यात्रा, नौका उत्सव आदि, नवरात्रि एवं शिवरात्रि यहाँ पर बहुत ही धूम धाम से मनाये जाते हैं। उत्सवों के समय पर मंदिरों में बहुत भीड़ रहती है।

मंदिर का ढाँचा

मीनाक्षी अम्मन मंदिर का गर्भग्रह 3500 साल पुराना है। इस मंदिर की बाहरी दीवार और बाहर का निर्माण 1500 से 2000 साल पुराना है। इस मंदिर का भवन लगभग 45 एकड़ जमीन में बना हुआ है, जिसमें मुख्य मंदिर भारी भरकम बनाया गया है, उसकी लम्बाई 245 मीटर व चौडा़ई 237 मीटर है।

मीनाक्षी मंदिर में प्रति दिन लगभग 20 हजार लोग दर्शन के लिए आते हैं और मुख्यतः शुक्रवार के दिन लगभग 30 हजार लोग दर्शन करने आते हैं। मंदिर की लगभग 6 करोड़ रुपये की वार्षिक आय है। बताया जाता है कि मंदिर में 33 हजार मूर्तियाँ है। “न्यू सेवन वंडर्स आँफ द वर्ल्ड” के लिए निर्देशित की गयी 30 मुख्य स्थानों की सूची में इस मंदिर का नाम भी शामिल है।

मंदिरों की तालिका-

क्र. सं. मंदिर का नाम मंदिर का स्थान देवी / देवता का नाम
1 बांके बिहारी मंदिर मथुरा-वृन्दावन, उत्तर प्रदेश बांके बिहारी (श्री कृष्ण)
2 भोजेश्वर मंदिर भोपाल, मध्यप्रदेश भगवान शिव
3 दाऊजी मंदिर बलदेव, मथुरा, उत्तर प्रदेश भगवान बलराम
4 द्वारकाधीश मंदिर मथुरा, उत्तर प्रदेश श्री कृष्ण
5 गोवर्धन पर्वत गोवर्धन, मथुरा, उत्तर प्रदेश श्री कृष्ण
6 इस्कॉन मंदिर मथुरा-वृन्दावन, उत्तर प्रदेश श्री कृष्ण, भगवान बलराम
7 काल भैरव मंदिर भैरवगढ़, उज्जैन, मध्यप्रदेश भगवान काल भैरव
8 केदारनाथ मंदिर रुद्रप्रयाग, उत्तराखण्ड भगवान शिव
9 महाकालेश्वर मंदिर जयसिंहपुरा, उज्जैन, मध्यप्रदेश भगवान शिव
10 नन्द जी मंदिर नन्दगाँव, मथुरा नन्द बाबा
11 निधिवन मंदिर मथुरा-वृन्दावन, उत्तर प्रदेश श्री कृष्ण, राधा रानी
12 ओमकारेश्वर मंदिर खंडवा, मध्यप्रदेश भगवान शिव
13 प्रेम मंदिर मथुरा-वृन्दावन, उत्तर प्रदेश श्री कृष्ण, राधा रानी
14 राधा रानी मंदिर बरसाना, मथुरा, उत्तर प्रदेश श्री कृष्ण, राधा रानी
15 श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर मथुरा, उत्तर प्रदेश श्री कृष्ण, राधा रानी
16 बृजेश्वरी देवी मंदिर नगरकोट, कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश माँ ब्रजेश्वरी
17 चामुंडा देवी मंदिर कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश माँ काली
18 चिंतपूर्णी मंदिर ऊना, हिमाचल प्रदेश चिंतपूर्णी देवी
19 ज्वालामुखी मंदिर कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश ज्वाला देवी
20 नैना देवी मंदिर बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश नैना देवी
21 बाबा बालकनाथ मंदिर हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश बाबा बालकनाथ
22 बिजली महादेव मंदिर कुल्लू, हिमाचल प्रदेश भगवान शिव
23 साईं बाबा मंदिर शिर्डी, महाराष्ट्र साईं बाबा
24 कैला देवी मंदिर करौली, राजस्थान कैला देवी (माँ दुर्गा की अवतार)
25 ब्रह्माजी का मंदिर पुष्कर, राजस्थान ब्रह्माजी
26 बिरला मंदिर दिल्ली भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी देवी
27 वैष्णों देवी मंदिर कटरा, जम्मू माता वैष्णो देवी
28 तिरुपति बालाजी मंदिर तिरुपति, आंध्रप्रदेश भगवान विष्णु
29 सोमनाथ मंदिर वेरावल, गुजरात भगवान शिव
30 सिद्धिविनायक मंदिर मुंबई, महाराष्ट्र श्री गणेश
31 पद्मनाभस्वामी मंदिर (त्रिवेन्द्रम) तिरुवनंतपुरम्, केरल भगवान विष्णु
32 मीनाक्षी अम्मन मंदिर मदुरै या मदुरई, तमिलनाडु माता पार्वती देवी
33 काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी, उत्तर प्रदेश भगवान शिव
34 जगन्नाथ मंदिर पुरी, उड़ीसा श्री कृष्ण, बलराम और सुभद्रा
35 गुरुवायुर मंदिर गुरुवायुर, त्रिशूर, केरल श्री कृष्ण
36 कन्याकुमारी मंदिर कन्याकुमारी, तमिलनाडु माँ भगवती
37 अक्षरधाम मंदिर दिल्ली भगवान विष्णु