अन्नपूर्णे सदा पूर्णे शंकरप्राणवल्लभे।
ज्ञानवैराग्यसिद्ध्य भिक्षां देहि च पार्वति।।
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्यः धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे
वक्रतुंडाय धीमहि।
तन्नो दंती प्रचोदयात॥
ॐ गुरुदेवाय विद्महे
परब्रह्माय धीमहि।
तन्नो गुरुः प्रचोदयात॥
ॐ महादेव्यै विह्महे दुर्गायै धीमहि तन्नो देवी प्रचोदयात्।।
ॐ राम ॐ राम ॐ राम।
ह्रीं राम ह्रीं राम।
श्रीं राम श्रीं राम।
रामाय नमः।
रां रामाय नमः
ॐ ग्लां ग्लीं ग्लूं गं गणपतये नम:
प्रकाशय ग्लूं गलीं ग्लां फट् स्वाहा।।
मनोजवं मारुततुल्यवेगम्।
जितेन्दि्रयं बुद्धिमतां वरिष्थम्।
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं।
श्री रामदूमं शरण प्रपद्ये।।
ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।
विष्णुप्रिये नमस्तुभ्यं जगद्धिते।
अर्तिहंत्रि नमस्तुभ्यं समृद्धि कुरु में सदा।।
लक्ष्मी गायत्री मंत्र
ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥