हमारे भारत देश के राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी है और भारत देश के लोग प्यार से इन्हें बापू कहते हैं। गुजरात के पोरबंदर में जन्में बापू का जन्म महान कार्यों के लिए प्रसिद्ध है। बापू ने 200 साल से गुलाम भारत देश को अपने बल से नहीं बल्कि अहिंसा के रास्ते पर चलकर आजाद कराया और इतिहास में महान लोगों में अपनी जगह बनाई। अहिंसा के मार्ग पर बापू जी को अंग्रेजों के द्वारा काफी जुल्म सहने पड़े, परन्तु बापू जी के दृढ़ संकल्प के आगे अंग्रेजों को घुटने टेकने पड़े और यह बात साबित की, जहाँ बल काम ना आए वहाँ मनुष्य को अपने ज्ञान व विवेक का इस्तेमाल करना चाहिए।
मोहन दास करमचंद गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर (सुदामापुरी) नगर में हुआ। उनके पिता करमचंद गाँधी अंग्रेजों के समय एक छोटे से शहर काठियावाड़ के दिवान (मुख्यमंत्री) थे। उनकी माता पुतली बाई बापू के पिता की चौथी पत्नी थी और वह एक धार्मिक स्त्री थी। बचपन में ही उन्होंने अपनी माँ के द्वारा अच्छे गुणों को समझ लिया था, जैसे मनुष्य पर दया करना, निस्वार्थ प्रेम करना, गलत को सही रास्ता दिखाना और भगवान के प्रति समर्पित रहकर कार्य करना। अपनी माता के द्वारा मिले गुणों का प्रभाव उनके जीवन के अंत तक रहा।
महात्मा गाँधी के प्रमुख कोट्स:
“ऐसे जियो जैसे कि तुम कल मरने वाले हो, सीखो ऐसे जैसे कि तुम हमेशा के लिए जिओगे।”
“आपका आने वाला कल पूरी तरह से इस बात पर निर्भर करता है कि आप आज क्या करते हो।”
“संसार में तुम जो परिवर्तन लाना चाहते हो वो पहले अपने अंदर लाओ।”
“पाप से घृणा करो, पापी से प्यार करो।”
“मात्र एक दीपक भी घने अंधकार को खत्म कर देता है।”
“स्वास्थ्य ही असली धन है, सोने और चाँदी के टुकड़े नहीं।”