आरती कीजे शैल सुता की जगदम्बा की, स्नेह सुधा सुख सुन्दर लीजै,
जिनके नाम लेत दृग भीजै, ऐसी वह माता वसुधा की
आरती कीजे शैल सुता की जगदम्बा की, || आरती कीजे ||
पाप विनाशिनी कलि मॉल हारिणी, दयामयी भवसागर तारिणी
शस्त्र धारिणी शैल विहारिणी, बुधिराशी गणपति माता की
आरती कीजे शैल सुता की जगदम्बा की, || आरती कीजे ||
सिंहवाहिनी मातु भवानी, गौरव गान करें जग प्राणी
शिव के हृदयासन की रानी, करें आरती मिल- जुल ताकि
आरती कीजे शैल सुता की जगदम्बा की, || आरती कीजे ||