इरफान खान का जीवन परिचय

रफान खान  का जन्म जयपुर के एक मुस्लिम परिवार में हुआ था । इनका जन्म 1 जनवरी  1967 को हुआ । इरफान खान को साहबजादे इरफान अली खान के नाम से  भी जाना  जाता हैं । ये प्रसिद्ध भारतीय फिल्म अभिनेताओं में से एक हैं । जिनको हम हिन्दी सिनेमा में इनके असाधारण प्रतिभा की वजह से जानते हैं । इरफान खान को प्राकृतिक अभिनय की वजह से भारतीय सिनेमा में  सर्वश्रेष्ठ अभिनेताओं में से एक माना जाता हैं । इनकी 29 अप्रैल 2020 को असामयिक मृत्यु हुई थी । इनका जीवन बहुत ही संघर्षों से भरा था । इनके पिता का नाम जागिरदार खान था और इनकी माता का नाम बेगम खान था । इन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा जयपुर में ही पूरी की । फिर कालेज की पढ़ाई करते हुए इनका लगाव अभिनव से हो गया । इसलिए अपनी प्रतिभा को निखारने के लिए इन्होंने 1984 में एक Drama School में दाख़िला लिया जिसका नाम है “National School Of Drama . इरफान खान ने सुतापा सिकंदर से 1995 में शादी की सुतापा इरफान खान की classmate थी । इरफान खान के दो बेटे हैं बाबिल और अयान।

इरफान खान का टेलीविज़न करियर-

इरफान खान अपनी National school of drama की पढ़ाई पूरी कर‌ ली । इसके बाद ये मायानगरी मुंबई चले गए यहां से उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की और यही से इनका संघर्ष शुरू हुआ क्योंकि फिल्मी दुनिया में यह अकेले थे। ये ना ही किसी फिल्मी परिवार से आते थे और ना ही इनको कोई जानता था । जब उन्हें फ़िल्मों में कोई काम नहीं मिला तो ये टेलीविजन की तरफ  आ गए ।  उन दिनों टेलीविजन का एक ही नाम हुआ करता था दूरदर्शन । और दूरदर्शन ने इनकी प्रतिभा को पहचाना और इनको धीरे धीरे काम मिलने लगा । शुरूआती दौर में ये सभी रोल किया करते थे चाहे वह छोटे हो या बड़े । चाणक्य, भारत एक खोज, सारे जहां से अच्छा, बनेगी अपनी बात ,चन्द्रकान्ता, और श्रीकांत से अपनी प्रतिभा का परिचय दिया तथा अपनी प्रतिभा से सबका दिल जीत लिया । तब इनके जीवन में बदलाव आया जब दूसरे चैनल भारत में आए । श्रीकांत में इनको पहली केन्द्रीय भूमिका मिली और उन्होंने अपनी प्रतिभा से सबका ध्यान आकर्षित कर लिया । और टेलीविजन भारत में लोकप्रिय होने लगे । इरफान खान को एक डर में खलनायक का रोल मिला जिसको इन्होंने बहुत अच्छे से निभाया । इस रोल को इन्होंने इस प्रकार से निभाया कि यह कार्यक्रम सबसे ज्यादा देखने वाला कार्यक्रम बन गया।

इरफान खान का फिल्मी सफर-

इरफान खान अब टीवी के जाने-माने कलाकार बन चुके थे पर वो फिल्मों में काम करना चाहते थे । उनकी छवि को देखते हुए उनके चहरे को ठीक नहीं माना जाता था । इसी बीच इरफान खान की मुलाकात मीरा नायर से हुई और उन्होंने इरफान खान को सलाम बॉम्बे में एक रोल दिया । यह रोल था साधारण सा पर इरफान खान ने इसे यादगार बना दिया, बड़े पर्दे पर उनकी यह पहली फिल्म थी। इसके बाद 1990 में एक फिल्म आई लेकिन इस फिल्म से आम जनता ज्यादा खुश नहीं हुई । इरफान खान ने अपनी प्रतिभा से सबको मोहित कर कई पुरस्कार ‌अपने नाम किए । इसके बाद उन्होंने अंतरराष्ट्रीय सिनेमा की फिल्म “The Warrior” से बहुत नाम कमाया अब तो बॉलीवुड और हालीबुड सब इनका नाम पहचानने लगे । इरफान खान को अपने बेहतरीन अभिनय के लिए बहुत से अवार्ड भी मिले हैं । मकबूल, लंचबॉक्स ,लाइफ इन अ मेट्रो , न्यू यॉर्क , द नेमसेक ,पान सिंह तोमर,तलवार,मदारी,हैदर, पीकू, और हिंदी मीडियम जैसी फिल्मों में बेहतरीन काम किया इसके लिए उनको अवार्ड भी मिले हैं । इरफान खान ने बॉलीवुड के साथ साथ हॉलीवुड में भी काम किया Spider Man, Jurassic world और Inferno  जैसी फिल्मों में काम किया । बॉलीवुड के अभिनेता Tom Bankers भी इनके अभिनय की सराहना करते हैं । उनका कहना था कि इरफान खान की आँखें भी अभिनय करती हैं।

पा सिंह तोमर  फिल्म पान सिंह तोमर में इन्होंने एक सैनिक की भूमिका में नजर आए जिसने एक  एथलीट के तौर पर कई पुरस्कार जीते थे। परंतु कुछ परिस्थितियों की वजह से इन्हें कानून व्यवस्था के खिलाफ होना पड़ा। इस फिल्म में इनका किरदार बहुत ज़ोरदार था और इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर धूम मचा दी थी ।

हासिल फिल्म –  इस फिल्म में इमरान खान ने नेगेटिव किरदार निभाया और उनके नेगेटिव किरदार को लोगों ने बहुत पसंद किया ।

तलवार फिल्म –  इस फिल्म में इन्होंने एक CBI आफिसर का किरदार निभाया जिसमें इनका अंदाज़ ही सबसे अलग था ।

The Warrior – इस फिल्म में इन्होंने राजस्थान के योद्धा का किरदार निभाया यह फिल्म ब्रिटिश इंडियन सामंती जो राजस्थान की योद्धा की कहानी है ।

Lunch box – इस फिल्म में इरफान खान ने एक ऐसे व्यक्ति का किरदार किया है जिसकी पत्नी की मृत्यु हो गई थी और इरफान खान ने इस किरदार को भी बखूबी निभाया ।

मदारी  इस फिल्म में मदारी कोई और नहीं इरफान खान ही हैं जो अपनी फिल्म के माध्यम से लोगों तक अपनी बात पहुंचाने चाहते हैं । इस फिल्म में इनका संदेश है कि  एक मदारी  भारतीय सेना और CBI को अपने डमरू की आवाज़ पर कैसे नचाता है इस फिल्म का निर्देशन निशिकांत कामत ने किया  और इस फिल्म को काफी तारीफ भी मिली ।

मकबूल –  इस फिल्म में इरफान खान ने मकबूल का किरदार निभाया जो एक अंडर वर्ल्ड डॉन का खास आदमी था जो अब्बा जी नाम के खान के यहां काम करने वाली नौकरानी से प्यार करता था । और ये सब जैसे ही अब्बा जी को पता चला तो मकबूल ने अब्बा जी ही क़त्ल कर देता है इस फिल्म के निर्देशक विशाल भारद्वाज थे ।

पिंकू – इस फिल्म में इरफान खान ने एक ट्रैवल एजेंट का किरदार निभाया है । इस फिल्म में इरफान खान के किरदार ने लोगों को बहुत हंसाया ।

हिंदी मीडियम  –  यह फिल्म इरफान खान की सफल फिल्म थी । इस फिल्म ने लोगों को बहुत हंसाया । लेकिन हँसाने के साथ साथ एक बड़ा सामाजिक संदेश भी देती है कि कैसे पैसे वाले लोग पैसे की दम पर ग़रीबों का हक छीन सकते है । इस फिल्म के निर्देशक साकेत चौधरी थे ।

इरफान खान की कुछ अनसुनी बातें  –

* इरफान खान के पसंदीदा अभिनेता हैं वडार्क राबर्ट डी नीरो, फिलिप सेमोर हाफमैन ।

* A. R Rahman उनके पसंदीदा गायक हैं ।

* उनके पसंदीदा क्रिकेटर हैं सचिन तेंदुलकर और MS Dhoni ।

* उनका पसंदीदा रंग हैं सफेद । और उनकी पसंदीदा जगह हैं फ्रांस ।

* इरफान खान को पढ़ना और क्रिकेट खेलने बहुत पसंद था ।

* इरफान खान ने अपने नाम के आगे R अलग से लगाया था प्रश्न लोगों को लगता था कि इरफान खान ने अंकज्योतिष की वजह से ऐसा कि पर ऐसा नहीं था उन्होंने अपनी मर्जी से ही अपने नाम में R लगाया था पहले उनका नाम था Irfan पर इसमें परिवर्तन कर उन्होंने अपना नाम Irrfan कर लिया ।

* इरफान खान का सपना था एक क्रिकेटर बनने का पर किस्मत में जो लिखा होता है वो ही होता है । इसलिए इरफान खान क्रिकेटर की जगह अभिनेता बन गये ।

* इरफान खान के Social media पर 30 लाख के करीब Followers हैं ।

इरफान खान के विचार –

* केवल इंसान ही गलत नहीं होता कभी कभी वक्त भी ग़लत होता है ।

* बच्चों का दोस्त बनकर उनको सही दिशा की तरफ प्रेरित करना बहुत मुश्किल काम है ।

* आलोचनाओं का हमेशा स्वागत करें ।

* हमारे राष्ट्र के लोगों को यह जानने की आवश्यकता है कि हम अपनी प्रतिभा का इस्तेमाल कैसे करना है ।

* एक अच्छा समाज वो है जहां लोगों की प्रतिभाओं का सम्मान किया जाए ।

* आजकल के रिश्तों में भरोसा और मोबाइल का नेटवर्क ना मिलने पर लोग खेल खेलने लगते हैं ।

* पैसा अगर भगवान नहीं है तो भगवान से कम भी नहीं है ।

* आदमी जितना बड़ा होगा उसके छुपने की जगह उतनी ही कम होगी ।

* ग़लतियाँ रिश्तों के जैसी होती है करनी नहीं पड़ती बस हो जाती हैं ।

* एक्टिंग का केवल स्टाइल नहीं होता है इसे असल में जीना पड़ता हैं ।

 सम्मान

* 2011 में भारत सरकार द्वारा पद्म श्री अवार्ड दिया गया ।

* 2003 में इनकी एक फिल्म आई थी हासिल । इस फिल्म में इनके किरदार को लोगों ने बहुत पसंद किया और इस फिल्म के लिए इनको Filmfare award भी मिला था । सर्वश्रेष्ठ खलनायक के लिए ।

* 2007 में “Life in a metro” के लिए इरफान खान को Filmfare award दिया गया ।

* 2012 में इरफान खान ने पान सिंह तोमर के लिए पहला राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता ।

* 2013 में इरफान खान को लंच बॉक्स के लिए दुबई अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह, एशिया प्रशांत फिल्म समारोह, और

एशियाई फिल्म समारोह में अवार्ड दिये गये ।

* हिंदी मीडियम के लिए इरफान खान को बेस्ट एक्टर का अवार्ड दिया गया ।

इरफान खान का आखिरी सफर-

इरफान खान एक ऐसे अभिनेता हैं जिन्होंने अपनी प्रतिभा की छाप से हर वर्ग के लोगों के दिलों में अपनी एक अलग जगह बनायी हैं । उनका करियर बहुत अच्छा चल रहा था , पर कुछ समय पहले उनको न्यूइंडोक्राइन ट्यूमर हो गया और उसका इलाज भी चल रहा था कि उनको पेट की समस्या हो गई जिसका इलाज कराने के लिए उनको मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई  ।  इरफान खान की जब मृत्यु हुई तब उनकी उम्र 54 साल थी ।  इन्होंने अपने करियर में बहुत सी ऐसी फिल्मों में काम किया है जो यादगार रहेगी । और इरफान खान लोगों के दिलों में अपनी प्रतिभा और फ़िल्मो के रूप में हमेशा जिन्दा रहेंगे।