सर्च इंजन के काम को तीन चरणों (stages) में बांट कर समझा जा सकता है। यह तीन चरण हैं, Crawling, Indexing and Retrieval.
Crawling
Crawling के लिए सर्च इंजन के पास वेब crawler अथ्वा स्पाइडर होता है। Crawler का काम होता है webpage पे जाना, उसको पढना और उस पर दिए हुए links को follow करना। जब भी crawler किसी पृष्ठ पर जाता है यह उसकी प्रितिलिपि बना लेता है और उसका URL सर्च इंजन के index में जोड़ लेता है। इसके बाद crawler नियमित रूप से वेबसाइट को विजिट करता रहता है, ताकि इसको वेबसाइट में होने वाले अपडेट या बदलाव का पता चल सके।
Indexing
इस चरण में crawler सर्च इंजन का index बनाता है। यह index एक बहुत बड़ी किताब की तरह होता है जिसमे हर उस webpage की प्रितिलिपि होती है जिसे crawler ने विजिट किया होता है। अगर किसी webpage में कोई बदलाव होता है तो crawler किताब को अपडेट कर देता है।
इसलिए, index crawler द्वारा विजिट किये हुए अलग अलग webpages के URL से बना होता है और इसमें crawler द्वारा एकत्र की गई जानकारी होती है। इस जानकारी के आधार पर सर्च इंजन उपयोगकर्ता को उसके मतलब की जानकारी प्रदान करता है। अगर कोई वेब पृष्ठ index में जोड़ा नही गया है तो यह उपयोगकर्ता के लिए उपलब्द नही होगा।
Retrieval
यह आखिरी चरण है। इस चरण में सर्च इंजन उचित और प्रासंगिक जानकारी अथ्वा उतर एक खास कर्म में प्रदान करता है। इसके लिए सर्च इंजन खास तरह के algorithms का इस्तेमाल करता है ताकि उपयोगकर्ता तक सही और सटीक जानकारी पहुंच सके। Pagerank भी एक ऐसा ही algorithm है जिसका इस्तेमाल सर्च इंजन द्वारा किया जाता है। यह index के सभी पृष्ठों का विश्लेषण (analysis) करता है और जो जानकारी इसे सही लगती है वही सर्च परिणाम के पहले पृष्ठ पर दिखाता है।