राष्ट्रीय विरासत विकास एवं संवर्धन योजना का शुभारंभ 21 जनवरी 2015 को कृषि शहरी विकास मंत्री श्री एम. वेकैया नायडू द्वारा किया गया। इस योजना का उद्देश्य भारत में विरासत स्थलों को संरक्षित और जीवंत रखना है। HRIDAY की शुरूआत के लिए शहरी विकास मंत्रालय और भारतीय पर्यटन मंत्रालय ने साथ-साथ काम किया है।

इस स्कीम की शुरूआत भारत के पुराने शहरों, गाँवों के विकास के लिए की गई है। शहरों, गाँवों का विकास होने से वहाँ लोगों का आवागमन बढ़ेगा और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। सरकार इस योजना पर कुल 500 करोड़ खर्च करने वाली है। इस योजना का सारा व्यय केंद्र सरकार वहन करेगी। इस योजना का समय 27 माह है।

इस योजना के प्रथम चरण में देश के 12 शहरों जैसे अजमेर, अमरावती, अमृतसर, बादामी, द्ववारका, गया, कांचीपुरम, मथुरा, पुरी, वाराणसी, वेलंकणी और वारंगल को विकास के लिए चुना गया है। इस योजना के द्वारा इन शहरों के इन्फ्रास्ट्रक्चर को बदला जायेगा, जैसे यहाँ के घाट, मंदिर इत्यादि। भारत में ज्यादा पर्यटक आने से पर्यटन सिस्टम मजबूत होगा और देश की आर्थिक अर्थव्यवस्था में तेजी से बदलाव आएगा। इसके अलावा यहाँ रोड, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, होटल, शौचालय की सुविधा, नागरिक विकास पर भी विशेष कार्य होगा।

राष्ट्रीय विरासत विकास एवं संवर्धन योजना की मुख्य बातेंः

  • यह योजना पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित होगी ताकि अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए विरासत स्थलों के आस-पास बुनियादी संरचना और सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सके।
  • इस योजना के अंतर्गत भारत के पुराने प्राचीन शहरों का विकास करना है। भारत में ऐसी बहुत सारी जगह है जो देश की धरोहर है, जिनको संभाल कर रखने के लिए उनका रख-रखाव करना बहुत आवश्यक है।
  • इस योजना से टूरिज्म को बहुत लाभ मिलेगा और देश में पर्यटकों की संख्या बढे़गी।
  • HRIDAY के आरंभिक चरण में 12 विरासत शहरों को चुना गया है, जिन्हें फिर से विकसित किया जायेगा।

अगले दो वर्षों में होने वाले व्यय के लिए 12 शहरों को मंजूरी पत्र जारी किये गये हैं। शहरों की जनसंख्या के आधार पर वाराणसी को 89.31 करोड़ रूपयेअमृतसर को 69.31 करोड़ रूपयेवारंगल को 40.54 करोड़ रूपये तथा अजमेरगया एवं मथुरा को 40.04-40.04 करोड़ रूपयेकांचीपुरम को 23.04 करोड़ रूपये और वेलानकिनी, अमरावती, बादामी एवं द्वारका को 22.26-22.26 करोड़ रूपये तथा पुुरी को 22.54 करोड़ रूपये आबंटित किये गये हैं।