परिचय
भारत के केरल राज्य में स्थित गुरुवायुर मंदिर एक मशहूर हिन्दू मंदिर है। यह एक पुराना मंदिर है, जो भगवान श्री कृष्ण के समर्पित है और कई शताब्दियों से सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता रहा है। भगवान गुरुवायुर का मंदिर केरल का सबसे अधिक महत्वपूर्ण मंदिर है, जो बाल गोपाल श्रीकृष्ण का बालरूप है। भगवान विष्णु के दस अवतारों को भी इस मंदिर में दर्शाया गया है। मंदिर में स्थापित की गई मूर्ति बिना जोड़ की है। यह बताया जाता है कि भगवान विष्णु ने इस मूर्ति को ब्रह्माजी को सौंप दिया था। अनेक धर्मों को मानने वाले लोग भी भगवान गुरुवायुरप्पन के परम भक्त रहे हैं।

मंदिर का इतिहास
गुरुवायुर मंदिर भारत में चौथे नम्बर का सबसे बड़ा मंदिर है। यहाँ पर हर दिन हजारों की सख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। गुरुवायुर मंदिर को “भूलोक वैकुनतम”भी कहा जाता है। मंदिर की दीवारों को कृष्णलीला के चित्रों से सुंदर सजाया गया है, जो भगवान कृष्ण के बचपन को दर्शाती हैं।
यह मंदिर दो मुख्य साहित्यिक कृतियों के लिए भी विख्यात है, जिसमें मेल्पथूर नारायण भट्टाथिरी द्वारा निर्मित ‘नारायणीयम’ और पून्थानम द्वारा रचित ‘ज्नानाप्पना’ है। ये दोनों कृतियाँ ही भगवान गुरुवायुरप्पन को समर्पित है। इन लेखों में भगवान के स्वरूप के बारे में बताया गया है और भगवान के अवतारों को दिखाया गया है। संस्कृत भाषा में रचित नारायणीयम में भगवान विष्णु के दस अवतारों के बारे में चर्चा की गई है।
प्राचीन मान्यता
गुरुवायुर मंदिर के धार्मिक अभिलेखों द्वारा इसके महत्व का पता चलता है। प्राचीन कथा के अनुसार भगवान कृष्ण ने द्वारका में मूर्ति की स्थापना की थी। एक समय जब द्वारका में भयंकर बाढ़ आयी तो यह मूर्ति बह गई और गुरु को भगवान कृष्ण की यह मूर्ति तैरती हुई मिली। उन्होंने इस मूर्ति को वायु की सहायता द्वारा बचा लिया और मूर्ति को प्रथ्वी पर स्थापित करने के लिए एक सही जगह तलाशना शुरू कर दिया। इसी सन्दर्भ में वे केरल पहुँचे। वहाँ पर उन्हें भगवान शिव और माता पर्वती के दर्शन हुए। भगवान शिव ने कहा- “ये स्थान सबसे ठीक है, यहीं पर इस मूर्ति को स्थापित करना चाहिए”। तब गुरु और वायु ने इस मूर्ति को पवित्र करके उसकी स्थापना की और भगवान शिव ने उन्हें वरदान दिया। इस मूर्ति की स्थापना गुरु और वायु के द्वारा हुई, इसलिए यह स्थान ‘गुरुवायुर’ के नाम से ही पहचाना गया। यह पवित्र स्थान आज भी गुरुवायुर के नाम से ही विख्यात है। इस मंदिर का निर्माण स्वयं विश्वकर्मा द्वारा इस तरह से किया गया कि सूर्य की पहली किरण सीधें भगवान गुरुवायुर के चरणों पर गिरें।
मंदिरों की तालिका-
क्र. सं. | मंदिर का नाम | मंदिर का स्थान | देवी / देवता का नाम |
1 | बांके बिहारी मंदिर | मथुरा-वृन्दावन, उत्तर प्रदेश | बांके बिहारी (श्री कृष्ण) |
2 | भोजेश्वर मंदिर | भोपाल, मध्यप्रदेश | भगवान शिव |
3 | दाऊजी मंदिर | बलदेव, मथुरा, उत्तर प्रदेश | भगवान बलराम |
4 | द्वारकाधीश मंदिर | मथुरा, उत्तर प्रदेश | श्री कृष्ण |
5 | गोवर्धन पर्वत | गोवर्धन, मथुरा, उत्तर प्रदेश | श्री कृष्ण |
6 | इस्कॉन मंदिर | मथुरा-वृन्दावन, उत्तर प्रदेश | श्री कृष्ण, भगवान बलराम |
7 | काल भैरव मंदिर | भैरवगढ़, उज्जैन, मध्यप्रदेश | भगवान काल भैरव |
8 | केदारनाथ मंदिर | रुद्रप्रयाग, उत्तराखण्ड | भगवान शिव |
9 | महाकालेश्वर मंदिर | जयसिंहपुरा, उज्जैन, मध्यप्रदेश | भगवान शिव |
10 | नन्द जी मंदिर | नन्दगाँव, मथुरा | नन्द बाबा |
11 | निधिवन मंदिर | मथुरा-वृन्दावन, उत्तर प्रदेश | श्री कृष्ण, राधा रानी |
12 | ओमकारेश्वर मंदिर | खंडवा, मध्यप्रदेश | भगवान शिव |
13 | प्रेम मंदिर | मथुरा-वृन्दावन, उत्तर प्रदेश | श्री कृष्ण, राधा रानी |
14 | राधा रानी मंदिर | बरसाना, मथुरा, उत्तर प्रदेश | श्री कृष्ण, राधा रानी |
15 | श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर | मथुरा, उत्तर प्रदेश | श्री कृष्ण, राधा रानी |
16 | बृजेश्वरी देवी मंदिर | नगरकोट, कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश | माँ ब्रजेश्वरी |
17 | चामुंडा देवी मंदिर | कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश | माँ काली |
18 | चिंतपूर्णी मंदिर | ऊना, हिमाचल प्रदेश | चिंतपूर्णी देवी |
19 | ज्वालामुखी मंदिर | कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश | ज्वाला देवी |
20 | नैना देवी मंदिर | बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश | नैना देवी |
21 | बाबा बालकनाथ मंदिर | हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश | बाबा बालकनाथ |
22 | बिजली महादेव मंदिर | कुल्लू, हिमाचल प्रदेश | भगवान शिव |
23 | साईं बाबा मंदिर | शिर्डी, महाराष्ट्र | साईं बाबा |
24 | कैला देवी मंदिर | करौली, राजस्थान | कैला देवी (माँ दुर्गा की अवतार) |
25 | ब्रह्माजी का मंदिर | पुष्कर, राजस्थान | ब्रह्माजी |
26 | बिरला मंदिर | दिल्ली | भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी देवी |
27 | वैष्णों देवी मंदिर | कटरा, जम्मू | माता वैष्णो देवी |
28 | तिरुपति बालाजी मंदिर | तिरुपति, आंध्रप्रदेश | भगवान विष्णु |
29 | सोमनाथ मंदिर | वेरावल, गुजरात | भगवान शिव |
30 | सिद्धिविनायक मंदिर | मुंबई, महाराष्ट्र | श्री गणेश |
31 | पद्मनाभस्वामी मंदिर | (त्रिवेन्द्रम) तिरुवनंतपुरम्, केरल | भगवान विष्णु |
32 | मीनाक्षी अम्मन मंदिर | मदुरै या मदुरई, तमिलनाडु | माता पार्वती देवी |
33 | काशी विश्वनाथ मंदिर | वाराणसी, उत्तर प्रदेश | भगवान शिव |
34 | जगन्नाथ मंदिर | पुरी, उड़ीसा | श्री कृष्ण, बलराम और सुभद्रा |
35 | गुरुवायुर मंदिर | गुरुवायुर, त्रिशूर, केरल | श्री कृष्ण |
36 | कन्याकुमारी मंदिर | कन्याकुमारी, तमिलनाडु | माँ भगवती |
37 | अक्षरधाम मंदिर | दिल्ली | भगवान विष्णु |