कलेक्टर कैसे बने –
कलेक्टर या मजिस्ट्रेट जिले का एक प्रमुख कार्यकारी , राजस्व अधिकारी , प्रशासनिक होता है जिसका काम जिले के कार्य कर रही सभी सरकारी एजेंसियों के मध्य आवश्यक समन्वय की स्थापना करना होता है । कलेक्टर का कार्य जिले के अधिनस्थ न्यायालयों का निरीक्षण करना होता है। इसके अलावा भी कलेक्टर के बहुत से दायित्व होते हैं । की लोगों का सपना सरकारी नौकरी पाना हो या ना हो पर अपने जिले का कलेक्टर बनना सभी का सपना होता है । इतना तो आप सबको पता है कि चपरासी बनने के लिए भी बहुत मेहनत करनी होती है तो आपको District Collector बनने के लिए और भी ज्यादा मेहनत करनी होगी । क्योंकि इस समय Compilation भी बहुत ज्यादा बढ़ गया है । ऐसे में कोई भी सरकारी नौकरी पाना आसान नहीं होता है । आइए जानते हैं District Collector बनने के लिए क्या Qualification होनी चाहिए ।
कलेक्टर के दायित्व –
* पुलिस तथा जेलों का निरीक्षण करना ।
* मुकदमों की सुनवाई करना ।
* सरकार को वार्षिक अपराधों का प्रतिवेदन प्रस्तुत करना ।
* मंडल में आयुक्त की अनुपस्थिति में जिला का विकास करना ।
* मृत्यु दण्ड के कार्यान्वयन को प्रमाणित करता है ।
* जिले में कानून व्यवस्था की स्थापना करना ।
District Collector बनने के लिए क्या Qualification होना चाहिए –
* आपके पास किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक यानी Graduation Degree होना चाहिए ।
* आपको भारत का नागरिक होना चाहिए ।
* आपको कोई भी घातक या जानलेवा बीमारी नहीं होना चाहिए ।
* आपकी उम्र 21 साल या इससे अधिक होनी चाहिए ।
ये सभी योग्यता होने के बाद ही आप कलेक्टर के पद पर जाने के लिए आवेदन कर सकते हैं ।
कलेक्टर के पद के लिए विभिन्न वर्गों के लिए समय सीमा भी अलग अलग रखी गई हैं ।
* General के लिए – 21से 32 वर्ष तक
* OBC के लिए – 21 से 32 वर्ष तक
* ST/SC के लिए – 21से 32 वर्ष तक
* Physically disable के लिए – 21 से 42 वर्ष तक
* ST /SC Physical Disable के लिए – 21 से असीमित समय तक
जिला कलेक्टर बनने के लिए परीक्षा संबंधी जानकारी –
जिला कलेक्टर बनने के लिए आपको सबसे पहले UPSC ( Union Public Service Commission की परीक्षा को पास करना होता है। और ये परीक्षा All India Civil Service Exam के तौर पर कराई जाती है । तथा यह परीक्षा एक साल में एक बार ही होती है । और इस परीक्षा में सबसे ज्यादा अंको के हिसाब से ही आपकी योग्यता के अनुसार post दी जाती है । जिला कलेक्टर बनने के लिए आपको तीन stage की परीक्षा को पास करना होगा ।
* Preliminary exam या प्रारंभिक परीक्षा –
यह परीक्षा का पहला Stage होता है जहां जो भी काबिल उम्मीदवार होते हैं उनकी एक List तैयार की जाती है । और जो भी काबिल उम्मीदवार इस परीक्षा को पास करते हैं । वो ही उम्मीदवार आगे के चरण में जाते हैं । इस चरण में कुल 9 पेपर होते हैं। जिसमें से 2 पेपर 300 – 300 अंक के होते हैं । और बाकि 7 पेपर जो 250-250 नंबर के होते हैं ।
* Main exam या मुख्य परीक्षा –
यह परीक्षा का दूसरा चरण होता है जिसमें पहला चरण पास करने वाले उम्मीदवारों को ही शामिल होने का मौका मिलता है । यह परीक्षा पहले चरण से थोड़ी कठिन होती है । और जो उम्मीदवार इस परीक्षा को पास करते हैं उन्हें अगले चरण के लिए चुना जाता है ।
* Interview या साक्षात्कार –
यह जिला कलेक्टर बनने का अंतिम चरण होता है जहां उम्मीदवारों को पहला तथा दूसरा चरण पास करने के बाद Interview के लिए बुलाया जाता है । जिसमें आपको अधिकारियों के सामने बैठकर उनके द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर देने होते हैं । और आपके द्वारा अधिकारियों के प्रश्नों के उत्तर किस प्रकार दिये गए हैं उसी आधार पर आपको नंबर दिये जाते हैं । और Interview में पास होने वाले उम्मीदवारों को Collector Training के लिए चुना जाता है ।
यह परीक्षा कितनी बार दे सकते हैं –
* जो सामान्य वर्ग के उम्मीदवार हैं वो इस परीक्षा को 35 वर्ष की आयु तक 6 बार दे सकते हैं ।
* जो OBC वर्ग के उम्मीदवार हैं वो इस परीक्षा को 35 वर्ष की आयु तक 9 बार दे सकते हैं ।
* जो SC/ST वर्ग के उम्मीदवार हैं वो 37 वर्ष की उम्र तक जितनी बार चाहें उतनी बार यह परीक्षा दे सकते हैं । उनके लिए कोई Limit नहीं होती है ।
* जो सामान्य वर्ग के विकलांग उम्मीदवार हैं वो यह परीक्षा 42 वर्ष की उम्र तक 9 बार यह परीक्षा दे सकते हैं ।