मोतियाबिंद आंखों में होने वाली बीमारी है। इस बीमारी में आंखों में मौजूद प्राक्रतिक लेंस पर सफेद रंग का धब्बा बन जाता है जिससे व्यक्ति को धुंधला या अस्पष्ट दिखाई देता है। यह बीमारी ज्यादातर बुजुर्गों में पायी जाती है। यह एक आंख से दूसरी आंख में भी फैल सकता है।

मुख्य लक्षण

  • आंख के लेंस पर सफेद परत का जमना।
  • धुंधला या अस्पष्ट दिखाई देना।
  • एक आंख से दो चीजें दिखाई देना।
  • चश्मे का नंबर बार बार बदलना।
  • रात को गाड़ी चलाने में परेशानी होना।
  • हलकी रौशनी तेज प्रतीत होना।

मुख्य कारण

  • डायबिटीज होना।
  • आंख की कोई पुरानी चोट
  • स्टेरॉयड, धूम्रपान या शराब आदि का अधिक सेवन करना।
  • लगातार तेज रौशनी में ज्यादा देर तक रहना।
  • जन्मजात आंख में मोतियाबिंद होना।
  • आंख में कोई अन्य रोग होना जैसे कि ग्लूकोमा।

मोतियाबिंद से बचाव

  • तेज धुप या तेज रौशनी में ज्यादा देर तक ना रहें।
  • बीड़ी, सिगरेट और शराब जैसे नशीले पदार्थों का अधिक सेवन न करें।
  • समय समय पर आंखों की जांच कराते रहें।
  • हरी पत्तेदार सब्जियों और फलों का नियमित रूप से सेवन करें।
  • डायबिटीज को नियंत्रण में रखें।
  • गरमियों में धूप का चश्मा लगाकर बाहर निकलें।

घरेलू उपचार

दवा के अलावा कुछ घरेलू नुस्खे आजमाकर भी मोतियाबिंद का उपचार किया जा सकता है। कुछ आसान एवं कारगर घरेलू उपचार निम्नलिखित हैं।

  • लहसुन: लहसुन की दो से तीन कलियां दिन में एक बार चबा कर खाएं।
  • पालक: पालक का जूस पियें या फिर पालक की सब्जी का सेवन करें।
  • ग्रीन टी: दिन में दो से तीन कप ग्रीन टी पियें।
  • गाजर: सुबह एक गिलास गाजर का जूस नियमित रूप से पिएं।
  • धनिया और सौंफ: सूखा धनिया, सौंफ और देशी शक्कर बराबर मात्रा में लेकर पाउडर बना लें। इस पाउडर का सुबह शाम जल के साथ सेवन करें।
  • गेहूं और चना: अंकुरित गेहूं और चने का नियमित रूप से सेवन करें।
  • कच्चा पपीता: कच्चे पपीते का नियमित रूप से सेवन करें। यह लेंस को साफ करने में मदद करता है।
  • जामुन: जामुन का सेवन करें। यह लेंस को मोतियाबिंद से बचाने में मदद करता है।