बॉयोलॉजी क्या है
बॉयोलॉजी विज्ञान की एक शाखा है जो जीवित जीवों और उनकी महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं के बारे में बताता है| बॉयोलॉजी शब्द को हम दो हिस्सों में अलग करेंगे तो दो शब्द बनते हैं जो की हैं बायो (bio) जिसका मतलब होता है जीव या जीवन और लोगोस (logos) का अर्थ स्टडी (study) यानि पढाई करना होता है| बॉयोलॉजी इन दो शब्दों से मिल कर ही बना है| बॉयोलॉजी शब्द ग्रीक (Greek) भाषा का एक शब्द है|
ऐसा माना गया है कि बायोलॉजी यानि जीव विज्ञान की पचपन से अधिक शाखाएं होती हैं| बॉयोलॉजी की दो प्रमुख शाखाएं हैं:
- प्राणि विज्ञान/ जंतु विज्ञान (Zoology)- जीव और जंतुओं का अध्ययन करना
- वनस्पति विज्ञान/ पादप विज्ञान (Botany)- पेड़ और पौधों का अध्ययन करना
सूक्ष्म जीव विज्ञान/माइक्रोबायोलॉजी (Microorganism) को भी बॉयोलॉजी की ही शाखा माना गया है जिसमें हम सूक्ष्म जीवों के बारे में अध्ययन करते हैं|
बॉयोलॉजी कई विशेष क्षेत्रों में विभाजित है जो उनके आकारिकी (morphological), शरीर विज्ञान (physiological), शरीर रचना विज्ञान (anatomy), व्यवहार (behaviour), उत्पत्ति (origin)और वितरण (distribution) को बताता है|
ऐसे विज्ञानियों को जीवविज्ञानी (Biologist) कहते हैं|
कुछ प्रमुख ज़ूलॉजिस्ट्स के नाम हैं जिन्होंने अपना प्रमुख योगदान दिया है: इरविन शार्गफ, एलिज़ाबेथ ब्लैकवेल, लिंडा बक, आदि|
बॉयोलॉजी के बारे में कुछ जानकारियां
बॉयोलॉजी शब्द सबसे पहले थॉमस बेडडोस (Thomas Beddoes (1799 में)), कार्ल फ्रेडरिक बर्दच (Karl Friedrich Burdach (1800 में)), गॉटफ्रीड रेनहोल्ड ट्रेविरेनस (Gottfried Reinhold Treviranus (Biologie oder Philosophie der lebenden Natur (बॉयोलॉजी ओड फिलॉसफी डे लेबेंडेन नेचुरल, 1802 में)) और जीन–बैप्टिस्ट लैमार्क (Jean-Baptiste Lamarck (Hydrogéologie (हाइड्रोगोलोजी, 1802 में)), द्वारा दिया गया था लेकिन बॉयोलॉजी शब्द का इस्तेमाल सबसे पहले लैमार्क (फ्रांस)और ट्रैविरेनस (जर्मनी) ने साल 1801 में किया था|
- एरिस्टोटल को बायोलॉजी का जनक ( father of biology) माना जाता है|
- वनस्पति विज्ञान के जनक थिओफ्रास्टस को कहा गया है|
- जंतु विज्ञान के जनक भी एरिस्टोटल को माना जाता है|
- लीववेन्हॉक को सूक्ष्म जीव विज्ञान/माइक्रोबायोलॉजी का जनक कहा गया है|
एरिस्टोटल को बॉयोलॉजी का जनक इसलिए कहा जाता है क्योंकि उन्होंने पांच सौ से भी ज्यादा जीव जंतुओं के बारे में अध्ययन किया था जिसे उन्होंने अपनी किताब “हिस्टोरिअ अनिमालिए (Historia Animalia)” नामक किताब में संजोया था|
बॉयोलॉजी से जुड़े अन्य विषय
बॉयोलॉजी से कई विषय जुड़े हुए हैं|
प्राणि विज्ञान/ जंतु विज्ञान/जूलॉजी (Zoology)-
जूलॉजी शब्द ग्रीक शब्द ‘सिय्योन (zōion)’ से आया है, जिसका अर्थ है “जानवर” और लोगो (logo) जिसका अर्थ है “अध्ययन“।
यह जानवरों के बारे में वैज्ञानिक ज्ञान के सभी पहलुओं को शामिल करता है, जैसे भ्रूण विकास (embryonic development), विकास (evolution), व्यवहार (behaviour), पारिस्थितिक वितरण (ecological distribution) और वर्गीकरण (classification)।
जीवों के बारे में पढ़ने,अध्ययन करने वालों को जीव विज्ञानी (Zoologist) कहते हैं|
कुछ प्रमुख ज़ूलॉजिस्ट्स के नाम हैं जिन्होंने अपना प्रमुख योगदान दिया है: लिनियस (1707 – 1778),चार्ल्स डार्विन (1809 – 1882), डी वीज़ (1848 – 1935), ग्रेगर जोहान मेंडल (1822 – 1884), आदि|
वनस्पति विज्ञान/ पादप विज्ञान/ बॉटनी (Botany)–
बॉटनी शब्द अलग अलग भाषाओं के शब्दों से आया है,
सत्रहवीं शताब्दी के उत्तरार्ध: पूर्व वनस्पति विज्ञान से (फ्रेंच वनस्पति शास्त्र से “बॉटनिक(botanique)” और ग्रीक वनस्पति शास्त्र पर आधारित “बॉटनिकोस (botanikos)” वनस्पति से आया है|
वनस्पति विज्ञान पौधों के वैज्ञानिक अध्ययन को कहते हैं|
वनस्पति विज्ञान/ पादप विज्ञान पौधों के शरीर विज्ञान (physiology), संरचना (structure), आनुवंशिकी (genetics), पारिस्थितिकी (ecology), वितरण, वर्गीकरण और वैज्ञानिक आर्थिक महत्व का अध्ययन करने में मदद करता है। बॉटनी की कुछ बीस से ज्यादा शाखाएं हैं|
पौधों के बारे में पढ़ने,अध्ययन करने वालों को वनस्पति-वैज्ञानिक (Botanist)कहते हैं|
कुछ प्रमुख बॉटनिस्ट के नाम हैं जिन्होंने अपना प्रमुख योगदान दिया है: ग्रेगर मेंडल (1822-1884), जॉन रे (1627-1705), एग्नेस आर्बर (1879- 1960), आदि|
सूक्ष्म जीव विज्ञान/माइक्रोबायोलॉजी (Microorganism)–
माइक्रोबायोलॉजी (ग्रीक μῑκροi, mīkros, “छोटा“; ςος, बायोस, “जीवन“; और -λογία, -logia) सूक्ष्म जीवों का अध्ययन है| माइक्रोबायोलॉजी शब्द सबसे पहले लुई पाश्चर ने दिया था|
सूक्ष्म जीव विज्ञान/माइक्रोबायोलॉजी सभी जीवित जीवों का अध्ययन है जो नग्न आंखों (naked eyes) से दिखाई देने के लिए बहुत छोटे हैं। इसमें बैक्टीरिया (bacteria), आर्किया (archaea), वायरस (viruses), कवक (fungi), प्रियन (prions), प्रोटोजोआ (protozoa)और शैवाल (algae)शामिल हैं| सूक्ष्म जीव विज्ञान में सूक्ष्मजीवों के एककोशिकीय (unicellular(एकल कोशिका)), बहुकोशिकीय (multicellular(सेल कॉलोनी)), या अकोशिकीय (acellular (कोशिकाओं की कमी)) का अध्ययन करने में मदद करता है।
सूक्ष्म जीवों के बारे में पढ़ने,अध्ययन करने वालों को जीवाणुतत्ववेत्त(microbiologist) कहते हैं|
कुछ प्रमुख माइक्रोबायोलॉजिस्ट के नाम हैं जिन्होंने अपना प्रमुख योगदान दिया है: लीउवेनहॉक, लुई पाश्चर, रॉबर्ट कोच, आदि|
जैव प्रौद्योगिकी/ बायोटेक्नोलॉजी (Biotechnology)-
हंगेरियन क्रॉली एरेकी ने 1919 के दौरान हंगरी में “जैव प्रौद्योगिकी” शब्द दिया था| बायो टेक्नोलॉजी दो शब्दों से मिलकर बना है “बायो” और “टेक्नोलॉजी“| जैव प्रौद्योगिकी जीव विज्ञान पर आधारित तकनीक है| जैव प्रौद्योगिकी/ बायो टेक्नोलॉजी, जीव विज्ञान का क्षेत्र है जो मानव जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के उद्देश्य से उत्पादों या प्रौद्योगिकी के निर्माण के लिए जीवित प्रक्रियाओं, जीवों या प्रणालियों का उपयोग करता है|
ऐसे विज्ञानियों को बायोटेक्नोलॉजिस्ट (Biotechnologist)कहते हैं| :
कुछ प्रमुख बायोटेक्नोलॉजिस्ट के नाम हैं जिन्होंने अपना प्रमुख योगदान दिया है
ईवा एकबलाड (1724-1786), विल्हेम रॉक्स (1850-1924), लुडविग हैबरलैंड्ट (1885-1932), आदि|