भोजेश्वर मंदिर मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित भोजपुर नामक गाँव में स्थित है। यह मंदिर वेतवा नदी के किनारे विंध्य पर्वत की श्रंखलाओं के मध्य एक पहाड़ी पर स्थित है। यह भोजपुर मंदिर एक अधूरा शिव मंदिर है। इसका निर्माण सिर्फ एक रात में किया गया था। इसे अधूरा भी सिर्फ इसलिए छोड़ दिया गया क्योंकि इसका निर्माण होते-होते सुबह हो गयी थी। हालांकि इस कथन के स्पष्ट कारण के बारे में कोई भी नहीं जानता। मंदिर का निर्माण एवं इसके शिवलिंग की स्थापना धार के प्रसिद्ध परमार राजा भोज (1010-1053) ने करवायी थी। उन्हीं के नाम पर इसे भोजपुर मंदिर या भोजेश्वर मंदिर के नाम से जाना जाता है, हालाँकि कुछ किंदवंतियों के अनुसार इस मंदिर का निर्माण पांडवों के द्वारा माता “कुन्ती” की पूजा के लिए किया गया था। इसे “उत्तर भारत का सोमनाथ” भी कहा जाता है। इस मंदिर की विशेषता है कि यहाँ करीब 21 फुट ऊँचा और साढ़े सात फुट व्यास वाले विशाल शिवलिंग को एक ही पत्थर पर बनाया गया है।
शिव मंदिर के ठीक सामने पश्चिमी दिशा में एक गुफा हैं, यह पार्वती गुफा के नाम से जानी जाती हैं। इस गुफा में पुरातात्विक महत्व की अनेक मूर्तिया हैं। भोजपुर में एक अधूरा जैन मंदिर भी है। इस मंदिर में भगवान शांतिनाथ की 6 मीटर ऊँची प्रतिमा है।
निर्माण
मध्यकाल के प्रारंभ में महान राजाभोज ने सन. 1010-53 में भोजपुर की स्थापना की तथा यहाँ पर भगवान शिवजी का एक भव्य मंदिर भी बनवाया। इस नगर को प्रसिद्धि देने में भोजपुर के “भोजेश्वर शिव मंदिर” का भी प्रमुख योगदान रहा है। यह मंदिर वास्तुकला का अदभुत उदाहरण है। मंदिर चार स्तंभों के सहारे टिका हुआ है। देखने पर इसका आकार हाथी की सूंड के समान लगता है। यह मंदिर तीन भागों में विभाजित है। इसका निचला हिस्सा अष्टभुजाकार है, जिसमें फलक बने हुए हैं। शिव मंदिर के प्रवेश द्वार के दोनों तरफ दो सुंदर प्रतिमाएँ स्थापित हैं, जो सभी को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। इसका विशाल शिवलिंग हैं, जोकि विश्व में एक ही पत्थर से निर्मित सबसे बड़ा शिवलिंग हैं। सम्पूर्ण शिवलिंग की लम्बाई 5.5 मीटर (18 फीट), (व्यास 2.3 मीटर(7.5 फीट (केवल लिंग की लम्बाई 3.85 मीटर) 12 फीट है।
इस प्रसिद्ध स्थान पर वर्ष में दो बार वार्षिक मेले का आयोजन किया जाता है, जो मकर संक्रांति व महाशिवरात्रि पर्व के समय होता है। इस धार्मिक उत्सव में भाग लेने के लिए दूर-दूर से लोग यहाँ पहुंचते हैं। महाशिवरात्रि पर यहाँ तीन दिवसीय भोजपुर महोत्सव का भी आयोजन किया जाता है।
मंदिरों की तालिका-
क्र. सं. | मंदिर का नाम | मंदिर का स्थान | देवी / देवता का नाम |
1 | बांके बिहारी मंदिर | मथुरा-वृन्दावन, उत्तर प्रदेश | बांके बिहारी (श्री कृष्ण) |
2 | भोजेश्वर मंदिर | भोपाल, मध्यप्रदेश | भगवान शिव |
3 | दाऊजी मंदिर | बलदेव, मथुरा, उत्तर प्रदेश | भगवान बलराम |
4 | द्वारकाधीश मंदिर | मथुरा, उत्तर प्रदेश | श्री कृष्ण |
5 | गोवर्धन पर्वत | गोवर्धन, मथुरा, उत्तर प्रदेश | श्री कृष्ण |
6 | इस्कॉन मंदिर | मथुरा-वृन्दावन, उत्तर प्रदेश | श्री कृष्ण, भगवान बलराम |
7 | काल भैरव मंदिर | भैरवगढ़, उज्जैन, मध्यप्रदेश | भगवान काल भैरव |
8 | केदारनाथ मंदिर | रुद्रप्रयाग, उत्तराखण्ड | भगवान शिव |
9 | महाकालेश्वर मंदिर | जयसिंहपुरा, उज्जैन, मध्यप्रदेश | भगवान शिव |
10 | नन्द जी मंदिर | नन्दगाँव, मथुरा | नन्द बाबा |
11 | निधिवन मंदिर | मथुरा-वृन्दावन, उत्तर प्रदेश | श्री कृष्ण, राधा रानी |
12 | ओमकारेश्वर मंदिर | खंडवा, मध्यप्रदेश | भगवान शिव |
13 | प्रेम मंदिर | मथुरा-वृन्दावन, उत्तर प्रदेश | श्री कृष्ण, राधा रानी |
14 | राधा रानी मंदिर | बरसाना, मथुरा, उत्तर प्रदेश | श्री कृष्ण, राधा रानी |
15 | श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर | मथुरा, उत्तर प्रदेश | श्री कृष्ण, राधा रानी |
16 | बृजेश्वरी देवी मंदिर | नगरकोट, कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश | माँ ब्रजेश्वरी |
17 | चामुंडा देवी मंदिर | कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश | माँ काली |
18 | चिंतपूर्णी मंदिर | ऊना, हिमाचल प्रदेश | चिंतपूर्णी देवी |
19 | ज्वालामुखी मंदिर | कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश | ज्वाला देवी |
20 | नैना देवी मंदिर | बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश | नैना देवी |
21 | बाबा बालकनाथ मंदिर | हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश | बाबा बालकनाथ |
22 | बिजली महादेव मंदिर | कुल्लू, हिमाचल प्रदेश | भगवान शिव |
23 | साईं बाबा मंदिर | शिर्डी, महाराष्ट्र | साईं बाबा |
24 | कैला देवी मंदिर | करौली, राजस्थान | कैला देवी (माँ दुर्गा की अवतार) |
25 | ब्रह्माजी का मंदिर | पुष्कर, राजस्थान | ब्रह्माजी |
26 | बिरला मंदिर | दिल्ली | भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी देवी |
27 | वैष्णों देवी मंदिर | कटरा, जम्मू | माता वैष्णो देवी |
28 | तिरुपति बालाजी मंदिर | तिरुपति, आंध्रप्रदेश | भगवान विष्णु |
29 | सोमनाथ मंदिर | वेरावल, गुजरात | भगवान शिव |
30 | सिद्धिविनायक मंदिर | मुंबई, महाराष्ट्र | श्री गणेश |
31 | पद्मनाभस्वामी मंदिर | (त्रिवेन्द्रम) तिरुवनंतपुरम्, केरल | भगवान विष्णु |
32 | मीनाक्षी अम्मन मंदिर | मदुरै या मदुरई, तमिलनाडु | माता पार्वती देवी |
33 | काशी विश्वनाथ मंदिर | वाराणसी, उत्तर प्रदेश | भगवान शिव |
34 | जगन्नाथ मंदिर | पुरी, उड़ीसा | श्री कृष्ण, बलराम और सुभद्रा |
35 | गुरुवायुर मंदिर | गुरुवायुर, त्रिशूर, केरल | श्री कृष्ण |
36 | कन्याकुमारी मंदिर | कन्याकुमारी, तमिलनाडु | माँ भगवती |
37 | अक्षरधाम मंदिर | दिल्ली | भगवान विष्णु |