मदन महल किला | Madan Mahal Qila | Madan Mahal Fort in Hindi

मदन महल का किला मध्य प्रदेश राज्य के जबलपुर शहर में स्थित है। इसका निर्माण राजा मदन सिंह द्वारा करवाया गया था। यह किला शहर से लगभग 2 किलोमीटर दूर एक पहाड़ी पर स्थित है। इसे दुर्गावती किले के नाम से भी जाना जाता है। यह किला राजा की माता रानी दुर्गावती से भी जुड़ा हुआ...

महाराजा पैलेस या मैसूर महल | Maharaja Palace Ya Mysore Mahal in Hindi

मैसूर महल कर्नाटक राज्य के मैसूर शहर में स्थित एक ऐतिहासिक महल है। इस महल को “अंबा विलास महल” के नाम से भी जाना जाता है। इस महल में इंडो-सारासेनिक, द्रविडियन, रोमन और ओरिएंटल शैली का वास्तुशिल्प देखने को मिलता है। इस तीन मंजिला महल के निर्माण के लिए भूरे ग्रेनाइट का...

मैसूर का दशहरा | Mysore Dasahara | Dasahara of Mysore in Hindi

मैसूर भारत के कर्नाटक राज्य का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। यह बंगलौर से लगभग 150 किलोमीटर दूर दक्षिण में तमिलनाडु की सीमा पर स्थित है। असत्य पर सत्य की जीत के उपलक्ष्य के रूप में दशहरा का त्यौहार मनाया जाता है, जिसे विजयादशमी भी कहते हैं। मैसूर का दशहरा सिर्फ़ भारत ही...

रॉक गार्डन | Rock Garden in Hindi

रॉक गार्डन चंडीगढ़ राज्य में सुखना झील के निकट स्थित है। रॉक गार्डन को नेक चन्द सेनी गार्डन के नाम से भी जाना जाता है। इसका निर्माण नेक चन्द सेनी ने करवाया था। इस गार्डन को बनवाने में औद्योगिक और शहरी कचरे का इस्तेमाल किया गया है।  रॉक गार्डन एक व्यक्ति के एकल...

साँची स्तूप | Sanchi Stupa in Hindi

साँची का स्तूप मध्य प्रदेश राज्य के रायसेन जिले में बेतवा नदी के किनारे स्थित एक छोटा-सा गाँव है। यहाँ तीन स्तूप हैं और ये देश के सर्वाधिक संरक्षित स्तूपों में से एक हैं। सांची का महान मुख्य स्तूप, मूलतः सम्राट अशोक महान ने तीसरी शताब्दी में बनवाया था। इसके केन्द्र...

वन विहार नेशनल पार्क | Van Vihar National Park in Hindi

वन विहार राष्ट्रीय उद्यान भारत के मध्यप्रदेश राज्य की राजधानी भोपाल में शहर के मध्य में स्थित है। राष्ट्रीय उद्यान (नेशनल पार्क) का नाम सुनते ही आँखों के सामने दूर तक फैला घना जंगल और खुले  घूमते जंगली जानवरों का दृश्य उभर आता है। 445 हैक्टेयर क्षेत्र में विस्तृत...

सोमवार व्रत कथा | Somvar Vrat Katha | Monday Fast Story in Hindi

बहुत समय पहले की बात है। एक गाँव में एक साहूकार रहता था। उसके पास धन-दौलत की कोई कमी नहीं थी, लेकिन उसके सन्तान नहीं थी। वो हर वक़्त अपने वंश के लिए चिंतित रहता था और हर सोमवार को व्रत रखता था, जिसमें दिन में वो शिवजी की पूजा करता था और शाम को शिवलिंग के पास दिया जलाता...

मंगलवार व्रत कथा | Mangalvar Vrat Katha | Tuesday Vrat Katha in Hindi

ऋषिनगर में केशवदत्त ब्राह्मण अपनी पत्नी अंजलि के साथ रहता था। केशवदत्त के घर में धन-संपत्ति की कोई कमी नहीं थी। नगर में सभी केशवदत्त का सम्मान करते थे, लेकिन केशवदत्त संतान नहीं होने से बहुत चिंतित रहता था। दोनों पति-पत्नी प्रति मंगलवार को मंदिर में जाकर हनुमान जी की...

बुधवार व्रत कथा | Budhwar Vrat Katha | Wednesday Fast Story in Hindi

एक समय एक व्यक्ति अपनी पत्नी को विदा करवाने के लिये अपनी ससुराल गया। वहां पर कुछ दिन रहने के पश्चात् सास-ससुर से विदा करने के लिये कहा, किन्तु सबने कहा कि आज बुधवार का दिन है, आज के दिन गमन (यात्रा) नहीं करते हैं। वह व्यक्ति किसी प्रकार न माना और हठधर्मी करके बुधवार...

बृहस्पतिवार व्रत कथा | Brihaspativar Vrat Katha | Thursday Fast Story in Hindi

प्राचीन समय की बात है। एक नगर में एक बड़ा व्यापारी रहता था। वह जहाजों में माल लदवाकर दूसरे देशों में भेजा करता था। वह जिस प्रकार अधिक धन कमाता था, उसी प्रकार जी खोलकर दान भी करता था, परंतु उसकी पत्नी अत्यंत कंजूस थी। वह किसी को एक दमड़ी भी नहीं देने देती थी। एक बार सेठ...

शुक्रवार व्रत कथा | Shukravaar Vart Katha | Friday Fast Story in Hindi

बात बहुत पुरानी है। एक बुढ़िया थी जिसके सात बेटे थे। सातों भाइयों में से एक बहुत ही निक्कमा था और बाकि बहुत ही काबिल व मेहनती थे। अब बुढ़िया हमेशा निक्कमें बेटे को बाकी छ: भाइयों का झूठा खिलाती थी। एक दिन निक्कमें की पत्नी ने कहा कि तुम्हारी मां तुम्हारे साथ बहुत...

शनिवार व्रत कथा | Shanivar Vrat Katha | Saturday Fast Story in Hindi

एक समय स्वर्गलोक में सबसे बड़ा कौन के प्रश्न को लेकर सभी देवताओं में वाद-विवाद प्रारम्भ हुआ और फिर परस्पर भयंकर युद्ध की स्थिति बन गई। सभी देवता देवराज इंद्र के पास पहुंचे और बोले, देवराज! आपको निर्णय करना होगा कि नौ ग्रहों में सबसे बड़ा कौन है? देवताओं का प्रश्न...

रविवार व्रत कथा | Ravivar Vrat Katha | Sunday Fast Story in Hindi

प्राचीन काल में कंचनपुर में एक बुढ़िया रहती थी। वह नियमित रूप से रविवार का व्रत कर रही थी। रविवार के दिन सूर्योदय से पहले उठकर बुढ़िया स्नानादि से निवृत्त होकर अपने घर के आंगन को गोबर से लीपकर स्वच्छ करती थी। उसके बाद सूर्य भगवान की पूजा करते हुए, रविवार व्रत कथा...

आमलकी एकादशी व्रत कथा | Amalaki Ekadashi Vrat Katha in Hindi

फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को आमलकी एकादशी कहते हैं। आमलकी यानी आंवला को शास्त्रों में श्रेष्ठ स्थान प्राप्त है। विष्णु जी ने जब सृष्टि की रचना के लिए ब्रह्मा को जन्म दिया, उसी समय उन्होंने आंवले के वृक्ष को जन्म दिया। आंवले को भगवान विष्णु ने आदि वृक्ष के...

अजा एकादशी व्रत कथा | Aja Ekadashi Katha in Hindi

प्राचीनकाल में हरिशचंद्र नामक एक चक्रवर्ती राजा राज्य करता था। उसने किसी कर्म के वशीभूत होकर अपना सारा राज्य व धन त्याग दिया, साथ ही अपनी स्त्री, पुत्र तथा स्वयं को भी बेच दिया। वह राजा चांडाल का दास बनकर सत्य को धारण करता हुआ मृतकों का वस्त्र ग्रहण करता रहा। मगर किसी...

अपरा एकादशी व्रत कथा | Apara Ekadashi Vrat Katha in Hindi

यह एकादशी ‘अचला’ तथा ‘अपरा’ दो नामों से जानी जाती है। पुराणों के अनुसार ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की एकादशी अपरा एकादशी है, क्योंकि यह अपार धन देने वाली है। जो मनुष्य इस व्रत को करते हैं, वे संसार में प्रसिद्ध हो जाते हैं। इस दिन भगवान त्रिविक्रम की पूजा की जाती है। अपरा...

देवशयनी एकादशी व्रत कथा | Devshayani Ekadashi Vrat Katha in Hindi

सूर्यवंश में मांधाता नाम का एक चक्रवर्ती राजा हुआ है, जो सत्यवादी और महान प्रतापी था। वह अपनी प्रजा का पुत्र की भांति पालन किया करता था। उसकी सारी प्रजा धन-धान्य से भरपूर और सुखी थी। उसके राज्य में कभी अकाल नहीं पड़ता था। एक समय उस राजा के राज्य में तीन वर्ष तक वर्षा...

देवउठनी एकादशी व्रत कथा | Devuthani Ekadashi Vrat Katha in Hindi

एक राजा के राज्य में सभी लोग एकादशी का व्रत रखते थे। प्रजा तथा नौकर-चाकरों से लेकर पशुओं तक को एकादशी के दिन अन्न नहीं दिया जाता था। एक दिन किसी दूसरे राज्य का एक व्यक्ति राजा के पास आकर बोला- महाराज! कृपा करके मुझे नौकरी पर रख लें। तब राजा ने उसके सामने एक शर्त रखी...

इंदिरा एकादशी व्रत कथा | Indira Ekadashi Vrat Katha in Hindi

प्राचीनकाल में सतयुग के समय में महिष्मति नाम की एक नगरी में इंद्रसेन नाम का एक प्रतापी राजा धर्मपूर्वक अपनी प्रजा का पालन करते हुए शासन करता था। वह राजा पुत्र, पौत्र और धन आदि से संपन्न और विष्णु का परम भक्त था। एक दिन जब राजा सुखपूर्वक अपनी सभा में बैठा था तो आकाश...

जया एकादशी व्रत कथा | Jaya Ekadashi Vrat Katha in Hindi

देवराज इंद्र स्वर्ग में राज करते थे और अन्य सब देवगण सुखपूर्वक स्वर्ग में रहते थे। एक समय इंद्र अपनी इच्छानुसार नंदन वन में अप्सराओं के साथ विहार कर रहे थे और गंधर्व गान कर रहे थे। उन गंधर्वों में प्रसिद्ध पुष्पदंत तथा उसकी कन्या पुष्पवती और चित्रसेन तथा उसकी स्त्री...