हींग का वैज्ञानिक नाम फेरूला एसा-फौटिडा (Ferula assa-foetida) है। हींग में प्रोटीन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, फास्फोरस, लौह, नियासिन और कैरोटीन प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। हींग में एंटी-बायोटिक, एंटी-आॅक्सिडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, मूत्रवर्धक और एंटी-कार्सिनोजेनिक जैसे गुण भी होते हैं।

हींग के फायदे
- हींग का सेवन करने से पेट की परेशानियाँ जैसे अपच, गैस, बदहजमी, पेट फूलना आदि दूर होती हैं।
- हींग का प्रयोग करने से अस्थमा, ब्रोकाइटिस, सूखी खांसी, काली खांसी और सर्दी जैसी श्वसन समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है।
- हींग का सेवन करने से मासिक धर्म का दर्द, अनियमित माहवारी और मासिक धर्म के दौरान भारी रक्त प्रवाह में आराम मिलता है।
- हींग का सेवन करने से माइग्रेन के कारण हो रहे सिर दर्द में आराम मिलता है।
- हींग को पानी में उबालकर, इस पानी से कुल्ला करने से दांतों का दर्द दूर हो जाता है।
- हींग को तिल के तेल में पकाकर इसकी कुछ बूंदें कान में डालने से कान के दर्द में आराम मिलाता हैं।
- नवजात शिशुओं में पेट दर्द होने पर हींग का पतला पेस्ट नाभि के आसपास लगाने से पेट दर्द शांत होता है।
- चने के बराबर हींग को गूलर के सूखे फलों के साथ खाने से पीलिया में लाभ मिलता है।
- हींग को पानी में पीसकर, पेट पर लेप करने से उल्टी बंद हो जाती है।
- हींग को घी में पीसकर, जोड़ों पर मालिश करने से गठिया का रोग दूर हो जाता है।
हींग के नुकसान
- हींग का अधिक मात्रा में सेवन करने से होठों में सूजन ही समस्या बन सकती है।
- हींग के अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से गैस या दस्त जैसी परेशानी भी बन सकती है।
- उच्च या निम्न रक्त चाप चाप से पीड़ित व्यक्तियों को हींग का सेवन नहीं करना चाहिए।
- कुछ लोगों में हींग के सेवन से त्वचा में एलर्जी की परेशानी भी बन सकती है।
- गर्भवती और स्तनपान करा रही महिलाओं को हींग का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे रक्त-संबंधित समस्याएँ बन सकती हैं।