भोजन को पचाने के लिए हमारे पेट में गैस्ट्रिक एसिड स्रावित होता है। यह एसिड भोजन को पचाने में मदद करता है। यह एसिड अगर सामान्य से अधिक मात्रा में स्रावित या निर्मित होने लगे तो सीने में जलन होने लगती है जिसे एसिडिटी कहते हैं। चिकित्सकीय भाषा में एसिडिटी को गैस्ट्रोइसोफेजियल रिफलक्स डिजीज (GERD)और आयुर्वेद में इसे अम्ल पित्त कहते हैं।
मुख्य लक्षण
- सीने या छाती में जलन होना।
- पेट में जलन और दर्द होना।
- मुंह में खट्टा पानी आना।
- डकार के साथ खाना मुँह में आ जाना।
- खट्टी डकारें आना और उल्टी जैसा महसूस होना।
मुख्य कारण
- ठीक समय पर खाना ना खाना।
- खाने को ठीक से चबाकर ना खाना।
- पर्याप्त मात्रा में पानी ना पीना।
- धूम्रपान और शराब की लत।
- खाली पेट चाय या कॉफी पीना।
- तला हुआ या ज्यादा मिर्च मसाले वाला भोजन करना।
एसिडिटी से बचाव
- रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं।
- कोल्डड्रिंक और चाय-कॉफी आदि का अधिक सेवन ना करें।
- खाना खाने के बाद थोड़ी देर टहलें तुरंत ना सोएं।
- ज्यादा तला हुआ या मिर्च मसाले वाला खाना ना खाएं।
- खाना बनाने में हींग का प्रयोग करें।
- विपरीत प्रकृति वाले आहर एक साथ ना खाएं।
घरेलू उपचार
दवा के अलावा कुछ घरेलू नुस्खे आजमाकर भी एसिडिटी का उपचार किया जा सकता है। कुछ आसान एवं कारगर घरेलू उपचार निम्नलिखित हैं।
- दालचीनी: एक कप पानी में आधा चम्मच दालचीनी डालकर उबालें। ठंडा होने पर इसे पी लें। सूप और सलाद में भी दालचीनी डालकर इसका सेवन किया जा सकता है।
- तुलसी: तुलसी के कुछ पत्तों को अच्छी तरह से चबाकर खाएं या फिर तुलसी के पत्तों को पानी में डालकर उबालें और पानी ठंडा होने पर इसे छान कर पी लें।
- छाछ: एक गिलास ठंडी छाछ में सैंधा नमक मिलाकर पीएं। आप मेथी के दानों का पानी के साथ पेस्ट बनाकर एक गिलास छाछ में मिलाकर भी पी सकतें हैं।
- जीरा: भुने हुए जीरे के चूर्ण का आधा चम्मच खाना खाने के बाद पानी में मिलाकर पीएं।
- अदरक: खाना खाने के बाद अदरक का एक छोटा टुकड़ा मुंह में रख कर चबाएं या फिर अदरक को पीसकर पानी में उबालें और ठंडा होने पर पानी को छानकर पी लें।
- गुड: खाना खाने के बाद गुड का सेवन करें।
- सौंफ: खाना खाने के बाद मिश्री के साथ सौंफ का सेवन करें।
- आंवला: खाली पेट आंवला का रस पीएं या आंवला के कुछ टुकड़े चबाकर खाएं या फिर दिन में एक बार आंवला का मुरबा खाएं।