आरती श्री हनुमानजी की

आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥ जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके॥ अंजनि पुत्र महा बलदाई। सन्तन के प्रभु सदा सुहाई॥ आरती कीजै हनुमान लला की। दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारि सिया सुधि लाए॥ लंका सो कोट समुद्र-सी खाई। जात पवनसुत बार न...

आरती श्री गणेशजी की

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा | माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा || (x2) एक दन्त दयावंत, चार भुजाधारी | माथे पर तिलक सोहे, मूसे की सवारी || पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा | लड्डून का भोग लगे, संत करें सेवा || जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा | माता जाकी पार्वती, पिता...