आज साल 2018 का दूसरा सूर्यग्रहण 13 जुलाई 2018 और तीसरा 11 अगस्त 2018 को होगा। आपको बता दें कि इससे पहले 15 फरवरी को पहला सूर्यग्रहण लगा था। आज लगने वाले इस सूर्य ग्रहण का असर भारत में आंशिक रहेगा, जिसकी वजह से इसका बहुत ज्यादा असर देखने को नहीं मिलेगा। भारत समेत कई देशों में सूर्य ग्रहण को अशुभ माना जाता है। साल का दूसरा सूर्य ग्रहण करीब 1 घंटे तक रहेगा। भारतीय समयानुसार आज सूर्य ग्रहण 7 बजकर 18 मिनट से शुरू होगा और करीब 8 बजकर 13 मिनट तक रहेगा। हिंदू धर्म में सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ कार्यों को वर्जित माना गया है। दरअसल ग्रहण के दौरान सूतक या सूतक काल एक ऐसा समय होता है, जब कुछ कार्य करने की मनाही होती है, क्योंकि सूतक के इस समय को अशुभ माना जाता है। सामान्यत: सूर्य व चंद्र ग्रहण लगने से कुछ समय पहले सूतक काल शुरू हो जाता है और ग्रहण के समाप्त होने पर स्नान के बाद सूतक काल समाप्त होता है। हालांकि वृद्ध, बच्चों और रोगियों पर ग्रहण का सूतक मान्य नहीं होता है।
सूर्यग्रहण के प्रकार-
- आंशिक सूर्यग्रहण- जब चंद्रमा सूरज को पूरी तरह से न ढ़क पाए, तो ऐसी अवस्था को आंशिक या खंड ग्रहण कहते हैं। आंशिक चंद्रग्रहण हर छह महीने में पड़ता है।
- पूर्ण सूर्यग्रहण- जब पूरी तरह अंधेरा छा जाए, तो इसका मतलब है कि चंद्रमा ने सूर्य को पूरी तरह से ढंक लिया है। इस अवस्था को पूर्ण सूर्यग्रहण कहा जाएगा।
- वलयाकार सूर्य ग्रहण- चंद्रमा यदि सूर्य को कुछ इस तरह से ढ़क ले कि सूर्य के चारों ओर रोशनी का छल्ला बना हुआ दिखाई दे, तो इस अवस्था को वलयाकार सूर्यग्रहण कहते हैं। यह एक दुर्लभ खगोलीय घटना है।
ग्रहण में करें ये उपाय-
- ध्यान, भजन, ईश्वर की आराधना और व्यायाम करें।
- सूर्य संबंधित मंत्रों का उववच्चारण करें।
- ग्रहण समाप्ति के बाद घर की शुद्धिकरण के लिए गंगाजल का छिड़काव करें।
- ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान के बाद भगवान की मूर्तियों को स्नान कराएं और पूजा करें।
- सूतक काल समाप्त होने के बाद ताज़ा भोजन करें।
गर्भवती महिलाओं को रखना चाहिए खास ध्यान-
ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर निकलने और ग्रहण देखने से बचना चाहिए। ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को सिलाई, कढ़ाई, काटने और छीलने जैसे कार्यों से बचना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि ग्रहण के समय चाकू और सुई का उपयोग करने से गर्भ में पल रहे बच्चे के अंगों को क्षति पहुंच सकती है।
इस मंत्र को जपें- लाभ मिलेगा
“ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्नो सूर्य: प्रचोदयात्”