सरदार वल्लभभाई पटेल की आज जयंती है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नर्मदा जिले में स्थित सरदार सरोवर में बनी विश्व की सबसे ऊंची 182 मीटर की प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का अनावरण करेंगे। इसके लिए वे 30 नदियों के जल से प्रतिमा के पास स्थित शिवलिंग का अभिषेक करेंगे। इस दौरान 30 ब्राह्मणों मंत्रोच्चार करेंगे। ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के लोकार्पण के लिए गंगा, यमुना, सरस्वती, गोदावरी, नर्मदा, तापी, सिंधु, कावेरी, करजण, सरयू, ब्रह्मपुत्र समेत 30 छोटी-बड़ी नदियों का जल लाया गया है।

‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के अनावरण समारोह में देश के 33 राज्यों की संस्कृति की झलक दिखाई देगी। ‘यूनिटी वॉल’ से ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ तक सवा दो किमी लंबे मार्ग पर 900 कलाकार खड़े होकर प्रधानमंत्री का स्वागत करेंगे।

क्या खासियत हैं “स्टैच्यू ऑफ यूनिटी” की

  • नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध पर बनी यह मूर्ति 7 किलोमीटर दूर से दिखाई देती है। यह विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा है। इससे पहले चीन की ‘स्प्रिंग बुद्ध’ सबसे ऊंची प्रतिमा थी। ‘स्प्रिंग बुद्ध’की ऊंचाई 153 मीटर है। इसके बाद जापान में बनी ‘भगवान बुद्ध’ की प्रतिमा का नंबर आता है जो 120 मीटर ऊंची है। तीसरे नंबर पर न्यूयॉर्क की 93 मीटर ऊंची ‘स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी’ है।
  • 2021 में भारत में सरदार पटेल से भी ऊंची प्रतिमा बना लेगा। 212 मीटर ऊंची ‘छत्रपति शिवाजी’ की यह प्रतिमा मुंबई के पास अरब सागर में बन रही है।
  • ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के निर्माण में 5 साल का वक्त लगा। सबसे कम समय में बनने वाली यह दुनिया की पहली प्रतिमा है। इसकी लागत 2990 करोड़ रुपए है।
  • ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ को सिंधु घाटी सभ्यता की समकालीन कला से बनाया गया है। इसमें 4 धातुओं के मिश्रण का इस्तेमाल किया गया है। इससे इसमें बरसों तक जंग नहीं लगेगी। ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ में 85% तांबा इस्तेमाल हुआ है।
  • ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ में लगी लिफ्ट से पर्यटक प्रतिमा के हृदय तक जा सकेंगे। यहां से लोग सरदार सरोवर बांध के अलावा नर्मदा के 17 किमी लंबे तट पर फैली फूलों की घाटी का नजारा देख सकेंगे।
  • प्रतिमा में सरदार वल्लभभाई पटेल के चेहरे की बनावट तय करने के लिए 10 लोगों की कमेटी बनाई गई थी। सभी की सहमति के बाद 30 फीट का चेहरा बना गया। इसे 3D तकनीक से तैयार किया गया है।
  • पटेल वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा के होंठ, आंखें और जैकेट के बटन 6 फीट के इंसान के कद से बड़े हैं। इसमें 70 फीट लंबे हाथ हैं, पैरों की ऊंचाई 85 फीट से ज्यादा है। इसे बनाने में 3400 मजदूरों और 250 इंजीनियरों ने लगभग 42 महीने काम किया।