उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में एक व्यापारी रहता था। उसका नाम लाला करोडी मल था। वो लालची और बेहद कंजूस था। लाला करोडी मल बीरबल का पडोसी भी था।

लाला करोडी मल की पत्नी बोली – लाला जी घर के लिये कुछ सामान खरीदना है। मुझे कुछ रकम दे दीजिये।

लाला करोडी मल बोले अपनी पत्नी से – तुम्हें क्या खरीदना है ?

लाला करोडी मल की पत्नी बोली – अच्छा, मुझे चार सेर चावल, चार सेर दाल, थोड़ी सब्जियां और तीन सेर आटा खरीदना है। तो एक सोने की अशर्फी काफी होनी चाहिए।

लाला करोडी मल बोले अपनी पत्नी से – एक सोने की मोहर, क्या पागल हो गई हो ? तुम खाने पर, इतना खर्च करने की जरूरत नहीं। सिर्फ, इन सबका आटा खरीदो।

लाला करोडी मल की पत्नी बोली – लेकिन, ये सब जरुरी है। क्या आप भूखे रहना चाहते हैं ?

लाला करोडी मल बोले अपनी पत्नी से – कोई भी भूखा नहीं रहेगा, बल्कि इतना ज्यादा खरीदोगी। ज्यादा खाएंगे और ज्यादा खाना सेहत के लिए अच्छा नहीं है।

तभी उस समय लाला करोडी मल के घर में कुछ टूटने की आवाज आई। लाला करोडी मल और उसकी पत्नी ने देखा और बोले……!

लाला करोडी मल बोला अपने लड़के से – अब, ये क्या कर दिया ? शैतान के बच्चे ने….!

लाला करोडी मल और उसकी पत्नी ने देखा कि लड़के ने एक मटका तोड़ दिया।

लड़का बोला लाला करोडी मल से – मैं तो सिर्फ, खेल रहा था, मेरी गलती नहीं है।

लाला करोडी मल बोला लड़के का कान पकड़ के – खेल रहा था, रसोई में। मैं तेरी हड्डियां तोड़ दूंगा, अगर यहाँ खेला तो। अब इससे पहले मेरा और नुकसान हो, यहाँ से बाहर निकल जा।

और लाला करोडी मल का लड़का घर से बाहर चला जाता है।

लाला करोडी मल की पत्नी बोली – अब मुझे एक मटका भी खरीदना पड़ेगा।

लाला करोडी मल बोले अपनी पत्नी से – देखो, तुम्हारा ये सपूत मेरी बर्बादी का कारण बनेगा, हैं…! तुम बस देखती रहना। उस रोज, उसने बाहर का दीवान तोड़ दिया था और अब ये…!

लाला करोडी मल की पत्नी बोली – आपसे कितनी बार कहा है कि गुडडू के लिए एक अच्छा सा गुरु ढूंढिये। आप सुनते ही नहीं, उसे कोई सुधारने वाला और पढ़ाने वाला होना चाहिए। अगर ऐसे ही छोड़ दिया, तो वो और बिगड़ जायेगा।

लाला करोडी मल बोले अपनी पत्नी से – और मेरा नुकसान बढता जायेगा। लेकिन, एक अच्छा गुरु कहा ढूंढने जाऊँ मैं…..!

लाला करोडी मल की पत्नी बोली – क्यों…? न हमारे पड़ोसी राजा बीरबल से बात करें। वो ज्ञानी हैं, और हमारी मदद जरुर करेंगे।

लाला करोडी मल बोले अपनी पत्नी से – हाँ……! तुम सही बोल रही हो। मुझे लगता है, मुझे उनसे मिलना चहिये।

लाला करोडी मल बीरबल के घर गया और बीरबल के सेवक राम से बोला…..!

लाला करोडी मल बोले बीरबल के सेवक से – मैं राजा बीरबल से मिलना चाहता हूँ।

बीरबल का सेवक बोला लाला करोडी मल से – ठीक है, अभी जाकर बताता हूँ।

सेवक राम बोला राजा बीरबल से – हुजूर….! लाला करोडी मल आपसे मिलने आये हैं।

राजा बीरबल बोले सेवक राम से – ठीक है, मैं अभी बाहर आता हूँ। तब तक उन्हें जलपान कराओ।

सेवक राम बोला लाला करोडी मल से – लाला जी….! राजा बीरबल थोड़ी ही देर में आपसे मिलेंगे। तब तक आपके लिए, क्या लाऊँ जनाब..? कुछ खानपान।

लाला करोडी मल बोले बीरबल के सेवक से – अहं… नहीं…. अंह ठीक है। अंह… वैसे क्या है ? खाने में…..!

लाला जी खानपान कर रहे थे, तभी राजा बीरबल आ गए। और बोले…..!

राजा बीरबल बोले लाला करोडी मल से – लाला जी…..! बड़ा अच्छा लगा। यहाँ देखकर….!

और लाला जी अपना खाना बंद करके राजा बीरबल से बोले…..!

लाला करोडी मल बोले राजा बीरबल से – नमस्कार…. राजा बीरबल….!

राजा बीरबल बोले लाला करोडी मल से – कहिये, लाला जी….! सब ठीक-ठाक तो हैं। आप परेशान दिख रहे हो। क्या..? मैं आपकी मदद कर सकता हूँ।

लाला करोडी मल बोले राजा बीरबल से – अंह…! श्रीमान जी….! दरअसल मेरा इकलौता बेटा बहुत बिगड़ गया है। बहुत शरारती हो गया है। घर में तोड़फोड़ मचा दी है। मेरा बहुत नुकसान कर रहा है। हमने सोचा शायद…! आप किसी गुरु जी को जानते होंगे। जो न सिर्फ, उसे पढ़ाएंगे-लिखाएंगे, बल्कि उसकी आदतें सुधार कर, उसे समझदार इंसान बनने में मदद करेंगे।

राजा बीरबल बोले लाला करोडी मल से – हूं….! मैं ऐसे एक गुरु जी को जानता हूँ, जो आपकी मदद कर सकते हैं। उनका नाम विनायक है, वो एक बड़े विद्वान हैं। बहुत अच्छे गुरु भी हैं, वो आपकी मदद जरुर करेंगे।

राजा बीरबल बोले अपने सेवक राम से – सेवक राम….! मेरा, ये सन्देश जाकर विनायक जी को पहुंचा देना।

सेवक राम बोला राजा बीरबल से – जैसी आपकी मर्जी। हुजूर…..!

लाला करोड़ी मल के लड़के ने घर में रखा गमला तोड़ दिया। उसके बाद लाला करोडी मल की पत्नी बोली….!

लाला करोडी मल की पत्नी बोली अपने लड़के से – अब देखो, क्या किया तुमने ? अब तो हद ही पार कर दी। अब मुझसे और बर्दाश्त नहीं होता। मैं, तुम्हें घर से बाहर फेंक दूंगी।

तभी लाला करोडी मल अपने साथ में विनायक गुरु जी को साथ लेकर आ गए और बोले…..!

लाला करोडी मल अपनी पत्नी से बोले – अब क्या किया इसने…?

लाला करोडी मल की पत्नी बोली – इसने मेरी माँ का दिया हुआ, मेरा प्रिय गमला तोड़ दिया।

विनायक गुरु जी बोले लाला करोडी मल की पत्नी से – धीरज रखिये…! मैं वादा करता हूँ कि कुछ ही महीने में आपका बेटा एक बहुत सुधरा हुआ और समझदार बच्चा बन जायेगा।

लाला करोडी मल बोले अपने बच्चे से – ध्यान से सुनो..! ये विनायक जी हैं, आज से तुम्हारे गुरु जी। तुम वही करोगे, जो तुम्हें कहेंगे।

लाला करोडी मल बोले विनायक गुरू जी से – गुरु जी…! मैं आपको दक्षिणा में हर महीने पांच सोने की मोहरे दूँगा और क्योंकि आप इतना सारा दिन यही बिताएंगे ? इसलिए आप खाना भी यही खायेंगे। उम्मीद है, आपको ये मंजूर होगा।

विनायक गुरू जी बोले लाला करोडी मल से – शुक्रिया…! मैं कल से ही शुरू कर दूंगा और आप घबराये मत। गुडडू आज से मेरी जिम्मेदारी है।

और तीन महीने बाद गुडडू अच्छा बन जाता है।

लाला करोडी मल की पत्नी बोली – कितना सुधार गया है। कितना आज्ञाकारी और समझदार हो गया है। गुडडू कितना बदल गया है। सब गुरु जी की कृपा है…..!

लाला करोडी मल बोले अपनी पत्नी से – सो तो है….! अब थोड़ा चैन मिला। मैं तो इसे किसी को गोद देने की सोच रहा था।

लाला करोडी मल की पत्नी बोली – फिर आप ने गुरु जी को दक्षिणा क्यों नहीं दी, तीन महीने से…? उन्होंने इतना कुछ किया है, हमारे लिए…!

लाला करोडी मल बोले अपनी पत्नी से – दक्षिणा कैसी ? मैं उन्हें खाना देता हूँ और वो इतना खाते हैं कि उन्हें उलटे मुझे पैसे देने चाहिए ? देखती नहीं, खाने पर कितना खर्च हो रहा है ? मैं उन्हें काम से कही ज्यादा दक्षिणा दे रहा हूँ।

विनायक गुरु जी राजा बीरबल के घर गए। और बोले…..!

विनायक गुरु जी बोले राजा बीरबल के सेवक से – क्या राजा बीरबल घर पर हैं ?

सेवक राम बोला विनायक गुरु जी से – जी हुजूर….! आप अंदर आइये….!

विनायक गुरु जी राजा बीरबल के पास गए और बोले…..!

राजा बीरबल बोले विनायक गुरु जी से – विनायक….! तुम्हें देखकर बहुत खुशी हुई। बताओ कैसे हो दोस्त…?

विनायक गुरु जी बोले राजा बीरबल से – मैं बिलकुल ठीक हूँ। हुजूर….!

राजा बीरबल बोले विनायक गुरु जी से – बताओ मुझे…! सब ठीक तो है। उम्मीद है कि लाला जी का बेटा आपको परेशान तो नहीं कर रहा है।

विनायक गुरु जी बोले राजा बीरबल से – नहीं हुजूर…..! दरअसल लाला जी….! ही मेरी परेशानी का कारण हैं।

राजा बीरबल बोले विनायक गुरु जी से – हां…! मुझे बताओ…! समस्या क्या है ? विनायक….!

विनायक गुरु जी बोले राजा बीरबल से – मैं पिछले तीन महीने से उनके बेटे को शिक्षा दे रहा हूँ और उन्होंने एक पैसा भी नहीं दिया है।

राजा बीरबल बोले विनायक गुरु जी से – पैसे नहीं दिये उन्होंने, पर क्यों…. ? क्या तुमने मांगे नहीं उनसे ?

विनायक गुरु जी बोले राजा बीरबल से – मैंने कई बार माँगा है, हुजूर….! पर वो कहते हैं कि मेरा खाना मेरी दक्षिणा से भी ज्यादा है। और मुझे शुक्र गुजार होना चाहिए कि वो मुझसे पैसे नहीं मांग रहे हैं।

राजा बीरबल बोले विनायक गुरु जी से – हां…! उनका बेटा कैसा है ?

विनायक गुरु जी बोले राजा बीरबल से – वो तो बिलकुल ही सुधार गया है और लाला जी भी मेरे काम से काफी खुश हैं। वो अभी काफी समझदार और आज्ञाकरी है।

राजा बीरबल बोले विनायक गुरु जी से – हां…! घबराओ मत विनायक…! मैं ये मामला सुलझा दूंगा और धीरज रखो, तुम्हारी मेहनत का पैसा जरुर मिलेगा।

विनायक गुरु जी बोले राजा बीरबल से – शुक्रिया हुजूर…..! मुझे आप पर पूरा भरोसा है।

राजा बीरबल लाला करोडी मल के घर गए और बोले…..!

राजा बीरबल बोले लाला करोडी मल से – नमस्ते लाला जी….!

लाला करोडी मल बोले राजा बीरबल से – नमस्ते… राजा बीरबल….! नमस्ते…!

राजा बीरबल बोले लाला करोडी मल से – मैं यहाँ से गुजर रहा था, सोचा पूछता चलूं, तुम्हारा बेटा अब कैसा है….. ?

लाला करोडी मल बोले राजा बीरबल से – ओ… वो तो बिलकुल बदल गया है। वो तो बहुत समझदार और आज्ञाकारी हो गया है।

राजा बीरबल बोले लाला करोडी मल से – ये तो बहुत अच्छी बात है, लाला जी….! तो आपने विनायक जी को दक्षिणा क्यों नहीं दी ?

लाला करोडी मल बोले राजा बीरबल से – श्रीमान…! बात ये तय हुई थी कि मैं उन्हें दक्षिणा के साथ-साथ एक वक्त का खाना भी दूंगा, लेकिन उनकी खुराक इतनी ज्यादा है कि वो दक्षिणा से ज्यादा खा जाते हैं।

राजा बीरबल बोले लाला करोडी मल से – हां…! ये आप सही बोल रहे हैं। मेरा ये सुझाव है कि आप अब तक की जो दक्षिणा है, वो देकर रवाना कर दें, ताकि आपका हर महीने और नुकसान न हो पाए। मैं एक और महान गुरु जी को जानता हूँ। उन्हें न तो आपको दक्षिणा देनी होगी, नहीं आपको उन्हें खाना खिलाना होगा।

लाला करोडी मल बोले राजा बीरबल से – ओ….! सचमुच बहुत अच्छे। उन्हें आप तुरंत भेज दीजिये। जो गुरु एक पैसा दक्षिणा न ले और खाना भी न मांगे, वो तो सचमुच महान गुरु ही हो सकता है। वैसे विनायक जी को दक्षिणा देना का मन तो नहीं कर रहा है, पर आप कहते हैं, तो दे दूंगा।

राजा बीरबल बोले लाला करोडी मल से – बहुत अच्छे….। कल ही, मैं यहाँ लेकर आता हूँ।

लाला करोडी मल बोले राजा बीरबल से – ठीक है, श्रीमान…! पर आप मानेंगे नहीं कि इस महान गुरु जी से मिलने को कितना उत्सुक हूँ।

अगला दिन होता है। राजा बीरबल लाला करोडी मल के यहाँ एक नए गुरु जी को लेकर पहुंचे, और बोले….!

राजा बीरबल बोले लाला करोडी मल से – लाला जी….!

लाला करोडी मल बोले राजा बीरबल से – नमस्कार…! राजा बीरबल

राजा बीरबल बोले लाला करोडी मल से – मैं दुनिया के महान गुरु जी को अपने साथ लाया हूँ। वो ये हैं।

लाला करोडी मल बोले राजा बीरबल से – गुरु जी…! पर ये तो सिर्फ एक मूर्ति है।

राजा बीरबल बोले लाला करोडी मल से – ये…! भगवान बुद्ध हैं। दुनिया के सबसे बड़े गुरु जी और न तो ये कुछ खायेंगे न ही कुछ दक्षिणा मांगेंगे।

लाला करोडी मल बोले राजा बीरबल से – अह्…ह..है…! मैं समझ गया। मैंने जो किया, मैं बहुत शर्मिंदा हूं। गुरु जी से माफ़ी मांग कर, उन्हें वापस बुला लूँगा और इस बार समय पर दक्षिणा भी दूंगा।

राजा बीरबल बोले लाला करोडी मल से – बहुत अच्छे लाला जी….! मुझे खुशी है कि दुनिया के सबसे बड़े गुरु ने आपको एक सबक सिखाया।

सीख

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि दुनिया के सबसे बड़े गुरु भगवान बुद्ध ने एक लालची और बेहद कंजूस मनुष्य को एक सबक सिखाया