पेन का अविष्कार किसने किया ? | Pen Ka Avishkar Kisne Kiya
पेन हमारे जीवन का एक हिस्सा ही है यदि हमें कोई भी चीज लिखनी होती है तो हम लिखने के लिए पेश का ही इस्तेमाल करते हैं । पेन का इस्तेमाल हर जगह पर किया जाता है फिर चाहे School हो , College हो, Office हो, हर जगह कुछ भी लिखने के लिए पेन की आवश्यक पड़ती ही है ।
पेन क्या है ?
पेन एक ऐसा उपकरण है जिसका इस्तेमाल स्याही को कागज पर उतारने के लिए किया जाता है । पेन की मदद से हम किसी भी पेपर या कपड़े पर लिख सकते हैं । पेन के आगे की तरफ एक छोटा सा छेद होता है और जब हम पेन की नोक से कागज पर लिखते हैं तो पेन की नोक के उस छोटे छेद से स्याही पेन की नोक कौन हल्का सा दबाकर लिखने से बाहर आती है और कागज पर वह स्याही उतर जाती है ।

पेन का अविष्कार –
सबसे पहले जानवरों को मारने के लिए इस्तेमाल के लिए बनाए गए पत्थरों को ही Writing Material के रूप में खोजा गया था । 24,000 ईसा पूर्व गुफाओं में रहने वाले आदमी इन्हीं पत्थरों की मदद से चित्र बनाते थे । ये सभी चित्र दैनिक घटनाओं को दर्शाते थे । जैसे कि फसल बोते व्यक्ति या शिकार करते व्यक्ति आदि । कागज के उपयोग से पहले पहले लोग लिखने के लिए मिट्टी और मोम की गोलियों का उपयोग करते थे जिसपर लिखने के लिए धातु की छड़ें या हड्डियों का उपयोग करते थे । लगभग 6000 साल पहले मिस्त्रियों ने पेपिरस नाम के कागज की खोज की थी ।
यह एक नरकट की सुनी हुई चटाई थी, जिसे कठोर और पतली चादर में पिरोया गया था । और पेपर शब्द की उत्पत्ति पेपरिअस शब्द से हुई थी जिस प्राचीन भाषा में एक उद्देश्य था कि यह जानवरों की खाल से बने चर्म पत्र के उपयोग के लिए जाना जाता था । अब पेपरिअस और चर्म पत्र पर लिखने के लिए कुछ आवश्यक था। अब समस्या ये थी कि पपरीअस को खरोंच तो सकते नहीं थे । इसलिए फिर मिस्त्रयों ने पपरीअस पर लिखने के लिए एक Red pan को बनाया । और ये पेन ज्यादातर बांस के पौधे से निकली हुई घास के खोखले ट्यूबलर तने होते थे । और इन्हीं तनो को प्राचीन मिस्त्रयों ने बांस के तनों को एक Fountain pen में परिवर्तित कर दिया था ।
Writing tool का इतिहास बहुत लंबे समय तक सक्रिय रहा है वह था Quill pen .जिसकी खोज लगभग 1300 साल पहले Quill पंक्षी के पंख बनाया गया था । इन पंखों में हंस के पंख सबसे आम थे । और अच्छे Diagram बनाने के लिए बाज, उल्लू, और टर्की के पंख इस्तेमाल किए जाते थे । इन सभी पंखों को कोमल गर्मी में सुखाया जाता था ताकि स्याही से तेल को हटाया जा सके । अब चाकू की मदद से पंख के छोर को पतला किया जाता था । इसके बाद Birmingham के John Mitchel ने बड़े पैमाने पर Steel point pen को विकसित करना शुरू किया । अब ये Ink pen बनाते थे ये भी Quill pen के ही समान काम करते थे तथा इन्हें Ink में डुबाकर ही इस्तेमाल किया जाता था । ये मजबूत और कम मंहगे होते थे । 1827 में पहली बार Petrache Poenaru जो कि एक रोमानियाई अविष्कारक थे उन्होंने एक स्याही बैरल के साथ पहले Fountain के अविष्कार के लिए पेटेंट मिला था पर अभी इसका डिजाइन पूरा नहीं हुआ था और अभी इसमें खामियां भी थी , जिनको पूरा करने की कोशिश जारी थी ।
इसके बाद 1884 में Lewis Edson Waterman के द्वारा Three Channel ink feed Fountain pen को विकसित करने का फैसला किया । Design के लेखन के दौरान ink के सहज प्रवाह को सुनिश्चित करके और एक कदम को Portable tool में बदल दिया । फिर 1888 में John J Loud ने इस परेशानी को दूर करने के लिए एक पेन का अविष्कार किया वो था Ball pen . Ball pen पेन के विकास में एक महत्वपूर्ण योगदान था । यह एक टिकाऊ और अधिक सुविधाजनक Writing pen था । पर Ball pen के अविष्कार के बाद भी कुछ खामियां अभी भी थी जैसे Fountain pen की वजाए अब Ball pen से लिखने में आसानी होती थी पर Ball pen की स्याही पेन के अंदर ही सूख जाती थी । इस कमी को पूरा करने आखरी कोशिश हुई 50 साल बाद एक नए अविष्कारक आए जिनका नाम Laszlo Biro और उनके भाई George दोनों ने मिलकर दोबारा एक नए तरह को बनाने की खोज की । जिसके लिखने के बाद स्याही भी जल्दी सूखे और पेन के अंदर भी स्याही ना सूखे और ना फंसे । और इन दोनों भाइयों का यह अविष्कार सफल रहा l